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मोदी सरकार महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत देने की तैयारी में जुटी

केंद्र सरकार के भीतर आम जनता को इस बारे में कुछ राहत देने की तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 10:44 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 06:44 AM (IST)
मोदी सरकार महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत देने की तैयारी में जुटी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमतों में हो रही लगातार वृद्धि से बढ़ रहे जनाक्रोश और विपक्ष की तरफ से इस मुद्दे को लगातार हवा देने से सरकार की चिंता बढ़ गई है। केंद्र सरकार के भीतर आम जनता को इस बारे में कुछ राहत देने की तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं। इसके लिए वित्त मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय के बीच विमर्श शुरु हो गया है। कोशिश इस बात की है कि आम जनता पर पड़ने वाले बोझ का कुछ हिस्सा केंद्र, राज्य और तेल कंपनियां उठायें। अगले दो दिनों के भीतर इसका ऐलान किया जाएगा।

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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि से सरकार चिंतित

उत्पाद शुल्क में कटौती समेत कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार

भाजपा शासित राज्यों से स्थानीय शुल्कों में कटौती पर भी हो रही है बात

पेट्रोल व डीजल की महंगाई को लेकर सरकार के स्तर पर हो रहे विचार विमर्श की जानकारी स्वयं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दी। शाह ने बताया कि बुधवार को पूरी स्थिति पर चर्चा होगी और दो-तीन दिनों के भीतर जनता को राहत देने की घोषणा की जाएगी। वैसे मंगलवार को भी पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सरकारी तेल कंपनियों के आला अधिकारियों के साथ पूरे मद्दे पर विचार विमर्श किया है, ताकि पेट्रोल व डीजल की कीमतों में रोजाना हो रही है बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ थामी जा सके।

जिन भाजपा शासित राज्यों में इन उत्पादों पर वैट की दर बेहद ज्यादा है उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है कि वे अपनी दरों कों घटाए। अगर दो-तीन भाजपा शासित राज्यों में ऐसा कदम उठाया जाता है तो दूसरे गैर भाजपाई राज्यों पर भी शुल्क घटाने का दबाव बढ़ेगा।

अक्टूबर, 2017 में केंद्र सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कमी की थी और उसके बाद चार भाजपा शासित राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने भी स्थानीय शुल्क में राहत दे कर जनता को कुछ राहत दी थी। इस बार दूसरे राज्यों को भी दरों में कटौती के लिए तैयार करने की कोशिश हो रही है।

सरकारी तेल कंपनियों की तरफ से एक तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बहुत राहत देना उनके हाथ में नहीं है। सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन आयल के चेयरमैन संजीव सिंह का कहना है कि हम अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक कीमत तय करते हैं। इस बारे में हमारे हाथ में बहुत कुछ नहीं है। ऐसा नहीं है कि हमारी कंपनी बहुत ज्यादा मुनाफा कमा रही है।

कंपनी के दूसरे अधिकारी इस बात को स्वीकार करते हैं कि कर्नाटक चुनाव से पहले 19 दिनों तक खुदरा कीमतों में वृद्धि नहीं करने की वजह से अभी इतनी तेज वृद्धि रोजाना करनी पड़ रही है। पिछले छह दिनों के दौरान तेल कंपनियों ने पेट्रोल की खुदरा कीमतों में औसतन 30 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। अगर कर्नाटक चुनाव समाप्त होने के बाद के हालात को देखे तो विगत नौ दिनों में दिल्ली में पेट्रोल 2.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2.15 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है। दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल की खुदरा कीमत 76.87 रुपये प्रति लीटर और डीजल 68.08 रुपये प्रति लीटर रही है।


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