मोदी सरकार की कोरोना वायरस के चलते बिजली ग्राहकों को भी राहत देने की तैयारी
देश में जितनी बिजली पैदा होती है उसमें से 70 फीसद कोयला-आधारित है। अभी बिजली कंपनियों के पास 22-23 दिनों का कोयला है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जिस तरह से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है उससे आम जनता को बिजली बिल के भुगतान से भी राहत मिलने की संभावना है। केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से बिजली उत्पादक कंपनियों को निर्देश दे दिया है कि अगर राज्यों की बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) तीन महीनों तक भुगतान नहीं कर सकती हैं तो उन पर जुर्माना नहीं लगाया जाए।
तीन महीने बिल अदायगी नहीं होने पर ग्राहकों पर नहीं लगाएंं जुर्माना
राज्यों से कहा गया है कि वे डिस्कॉम से निर्देश दें कि अगर बिजली उपभोक्ता मार्च से मई, 2020 तक अपने बिल का भुगतान नही कर पाते हैं तो उन पर पेनाल्टी नहीं लगाएं। इस बारे में अंतिम फैसला राज्य सरकारें अपने बिजली नियामक प्राधिकरणों से विमर्श के बाद करेंगी।
बिजली मंत्री ने कहा- बिजली वितरण कंपनियों को तीन महीनों तक निर्बाध होगी बिजली आपूर्ति
बिजली मंत्री आरके सिंह ने बताया कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि देश में चौबीसों घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो। अभी यह संभावना है कि डिस्कॉम को समय पर बिजली बिल नहीं मिल पाएगा इसलिए मौजूदा नियमों में बदलाव लाया जा रहा है ताकि बिजली आपूर्ति में कोई समस्या न हो। पहला बदलाव यह किया जा रहा है कि पहले के आपूर्ति का भुगतान नहीं होने के बावजूद डिस्कॉम को बिजली दी जाती रहेगी। इस बारे में बिजली कंपनियों को कहा गया है कि कोई डिस्कॉम भुगतान भी नहीं कर पा रही है तब भी उसे पर्याप्त बिजली आपूर्ति की जाएगी। पेमेंट सेक्योरिटी व्यवस्था के तहत पहले किए जाने वाले भुगतान की राशि भी 50 फीसद घटाई जा रही है। साथ ही राज्यों से कहा गया है कि वे डिस्काम को निर्देश दें कि अगर कोई ग्राहक समय पर भुगतान नहीं कर पाता है तो उस पर ज्यादा पेनाल्टी न लगाएं।
ग्राहकों को राहत देना आसान
चूंकि बिजली राज्यों का विषय है इसलिए अंतिम फैसला वे करेंगे। बिजली मंत्रालय की तरफ से डिस्कॉम को भुगतान में राहत मिलने के बाद अब उनके लिए ग्राहकों को राहत देना आसान हो गया है। किन ग्राहकों को राहत देना है और किस स्तर तक देना है, यह फैसला राज्यों को ही करना है। ग्राहकों को इन तीन महीनों की बकाया राशि का भुगतान बाद में किस्तों में करने की छूट भी दी जा सकती है।
देश में जितनी बिजली पैदा होती है उसमें से 70 फीसद कोयला-आधारित है
वैसे, बिजली मंत्रालय ने यह बताया है कि देश की बिजली वितरण कंपनियों के पास फिलहाल पर्याप्त कोयला है। देश में जितनी बिजली पैदा होती है उसमें से 70 फीसद कोयला-आधारित है। अभी बिजली कंपनियों के पास 22-23 दिनों का कोयला है।