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बुजुर्गों की देखभाल में मोदी सरकार नहीं छोड़ेगी कोई कसर, सभी राज्यों में खोले जाएंगे ट्रेनिंग सेंटर

बुजुर्गों के लिए पहले चरण में देश के जिन राज्यों में रीजनल रिसोर्स एंड ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। आरआरटीसी का मकसद देश भर में बुजुर्गों को उनसे जुड़ी योजनाओं का पूरा लाभ दिलाना और बेहतर देखभाल करना है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 09:03 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 09:03 PM (IST)
बुजुर्गों की देखभाल में मोदी सरकार नहीं छोड़ेगी कोई कसर, सभी राज्यों में खोले जाएंगे ट्रेनिंग सेंटर
बुजुर्गों की देखभाल को लेकर मोदी सरकार ज्यादा फिक्रमंद है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बुजुर्गों की देश में तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार अब उनकी देखभाल को लेकर और भी ज्यादा फिक्रमंद है। यही वजह है कि इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को अब वह प्रशिक्षित करने की तैयारी में जुट गई है। फिलहाल इसे लेकर देश भर में रीजनल रिसोर्स और ट्रेनिंग सेंटर (आरआरटीसी) खोलने का फैसला लिया है।

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उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश सहित दर्जनभर राज्यों से मांगे गए प्रस्ताव 

पहले चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश सहित दर्जन भर से ज्यादा राज्यों से इसे लेकर प्रस्ताव मांगे गए है। मौजूदा समय में देश में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों की संख्या करीब 14 करोड़ के आसपास है। जिसके वर्ष 2026 तक 17 करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान है।

बुजुर्गों को बेहतर देखभाल करना मोदी सरकार का मकसद

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक आरआरटीसी का मकसद देश भर में बुजुर्गों को उनसे जुड़ी योजनाओं का पूरा लाभ दिलाना और बेहतर देखभाल करना है। इसके लिए इस क्षेत्र में काम रहे स्वयंसेवी संगठनों को अब इस लिहाज से तैयार किया जाएगा, कि वह बुजुर्गों की देखभाल और बेहतर तरीके से कर सकेंगे। वैसे भी मौजूदा समय में देश में बुजुर्गों की देखभाल के लिए काम कर रहे ज्यादातर संगठनों के पास कोई तकनीकी प्रशिक्षण नहीं है।

बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए साधन और चिकित्सीय सुविधा जुटाने पर होगा ज्यादा फोकस

आरआरटीसी के जरिए इस क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान सभी संगठनों के लिए बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए साधन और चिकित्सीय सुविधा जुटाने पर सबसे ज्यादा फोकस होगा। इसके साथ ही सभी वृद्धाश्रमों में इस तरह की सुविधाएं जुटाने पर जोर रहेगा, जहां उनके लिए चिकित्सीय सुविधाएं अनिवार्य रूप से मौजूद हो।

सभी राज्यों में खोले जाएंगे रीजनल रिसोर्स एंड ट्रेनिंग सेंटर, मिलेगा प्रशिक्षण

मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक आरआरसीटी के जरिए मनोवैज्ञानिक और तकनीकी दोनों तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि इस क्षेत्र में काम करने वाले लोग बुजुर्गों की भावनाओं को बेहतर तरीके से समझने के साथ ख्याल भी रखा जा सके। देश के सभी राज्यों में आरआरटीसी खोलने का यह फैसला पहले से कई राज्यों में चल रहे इन सेंटरों की उपयोगिता को देखते हुए लिया गया है। हालांकि अब तक इनकी संख्या काफी कम है। जिसे बुजुर्गों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बढ़ाने का फैसला लिया गया है।

इन राज्यों से मांगे गए है प्रस्ताव

बुजुर्गों के लिए पहले चरण में देश के जिन राज्यों में रीजनल रिसोर्स एंड ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं, उनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, पुंडुचेरी और चंडीगढ़ शामिल हैं। फिलहाल राज्यों को यह प्रस्ताव 15 दिसंबर तक देने हैं।


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