मोदी ने मानी ममता की अर्जी
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भाजपा व केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की अर्जी नमो ने सहर्ष स्वीकार कर ली। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा में लगे आरपीएफ अधिकारी व जवानों की डेपुटेशन अवधि बढ़ा दी। इस बाबत रेलमंत्री सुरेश
कोलकाता [जागरण ब्यूरो]। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भाजपा व केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की अर्जी नमो ने सहर्ष स्वीकार कर ली। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा में लगे आरपीएफ अधिकारी व जवानों की डेपुटेशन अवधि बढ़ा दी। इस बाबत रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री से अनुमति मांगी थी।
दरअसल, रेलमंत्री रहते हुए ममता बनर्जी ने अपनी सुरक्षा में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) को तैनात किया था। 2011 में मुख्यमंत्री बनने के बावजूद ममता बनर्जी ने अपनी सुरक्षा आरपीएफ को ही सौंपे रखी, लेकिन गत बुधवार को उनकी सुरक्षा में तैनात आरपीएफ अधिकारी व जवानों की डेपुटेशन अवधि पूरी हो गई थी।
इस अवधि से दो माह पहले ही उनके सुरक्षा निदेशक ने ममता की सलाह पर आरपीएफ महानिदेशक को पत्र लिखकर अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया था। आरपीएफ महानिदेशक ने आवेदन रेलमंत्री के पास भेजा। रेलमंत्री ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की तो उन्होंने ममता बनर्जी के अनुरोध को सहर्ष स्वीकार कर लिया।
हालांकि ममता बनर्जी की सुरक्षा में तैनात सहायक सुरक्षा आयुक्त, तीन हेड कांस्टेबल व पांच कांस्टेबल में दो जवानों ने रेलवे में वापसी के लिए आवेदन दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया। ऐसे में ममता बनर्जी की सुरक्षा में फिलहाल सात आरपीएफ कर्मी तैनात हैं।
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