सरयू में गिरने से रुकेंगे अयोध्या के पांच नाले, एनएमसीजी ने दी परियोजना को मंजूरी
मंत्रालय के अनुसार, गंगा नदी की परियोजनाओं को मंजूरी देने के बाद केंद्र ने अब गंगा बेसिन की अन्य नदियों में प्रदूषण की रोकथाम के उपाय तेज कर दिए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गंगा सफाई पर फोकस के चलते ओझल हुई सहायक नदियों की सुध अब सरकार ने लेनी शुरू कर दी है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा यानी एनएमसीजी ने मंगलवार को अयोध्या में सरयू नदी में गिरने वाले पांच नालों को रोकने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी।
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के अनुसार एनएमसीजी की 12वीं कार्यकारी समिति की बैठक में अयोध्या में सरयू नदी में गिरने वाले पांच नालों को रोकने के लिए 37.67 करोड़ रुपये लागत वाली एक परियोजना को मंजूरी दी। अयोध्या में फिलहाल 12 एमएलडी क्षमता का एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है और यह पूरी तरह से काम कर रहा है और इन नालों को रोककर इसी एसटीपी में लाया जाएगा। सरयू नदी आगे चलकर गंगा में मिलती है। समिति ने 68.47 करोड़ रुपये की लागत से पश्चिम बंगाल के रघुनाथ गंज और जंगीपुर में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने को भी मंजूरी दी। इस परियोजना में एक प्रयोगशाला तथा ऑनलाइन मॉनिटरिंग का भी प्रावधान है।
मंत्रालय के अनुसार, गंगा नदी की परियोजनाओं को मंजूरी देने के बाद केंद्र ने अब गंगा बेसिन की अन्य नदियों में प्रदूषण की रोकथाम के उपाय तेज कर दिए हैं। इस बीच दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में कोंडली क्षेत्र में 59.13 करोड़ रुपये की लागत से पंपिंग लाइन बिछाने तथा रिठाला में 45.40 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के ठेके आवंटित किए गए।