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यदि आपके मन में है मोबाइल फोन रेडिएशन का भय तो जरूर पढ़ें ये खबर

मोबाइल फोन का विकिरण नॉन आयोनाइजिंग है। यह केवल हीट ही (ताप) पैदा करता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 10:18 AM (IST)Updated: Mon, 24 Dec 2018 10:18 AM (IST)
यदि आपके मन में है मोबाइल फोन रेडिएशन का भय तो जरूर पढ़ें ये खबर

वाराणसी[मुहम्मद रईस ]। जन सामान्य में यह तथ्य प्रचारित है कि मोबाइल फोन विकिरण (रेडिएशन) स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है, मगर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई के प्रोफेसर और परमाणु ऊर्जा आयोग के सदस्य पद्मश्री प्रो. आरबी ग्रोवर इसे निराधार व सोशल साइट वाला ज्ञान बताते हैं।

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आइआइटी, बीएचयू में आयोजित संगोष्ठी में शिरकत करने आए प्रो. ग्रोवर ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि दरअसल विकिरण दो तरह के होते हैं, आयोनाइजिंग व नॉन आयोनाइजिंग। एक्सरे व सीटी स्कैन आदि से निकलने वाला विकिरण आयोनाइजिंग होता है, जो स्वास्थ्य कोशिकाओं के भीतर जाकर संरचना में बदलाव कर सकता है।

यही बदलाव कैंसर जैसी बीमारी का प्रमुख कारण है। वहीं मोबाइल फोन का विकिरण नॉन आयोनाइजिंग है। यह केवल हीट ही (ताप) पैदा करता है। इससे न तो मानव कोशिकाओं में कोई बदलाव आता है और न ही ये किसी तरह का नुकसान करते हैं।

विकिरण के साये में रहते हैं इंसान

प्रो. आरबी ग्रोवर ने कहा कि इंसान ज्यादातर वक्त विकिरण के साये में ही रहता है। चाहे धूप हो या एयरकंडीशनर या फिर माइक्रोवेव ओवेन। सब में कुछ न कुछ मात्रा में विकिरण है। बावजूद इसके इंसानों पर इसका दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है। हाल ही में हुए अमेरिकी अध्ययन में दावा किया गया है कि मोबाइल फोन रेडिएशन का इंसानों पर कोई असर नहीं होता।


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