उत्तर भारतीय छात्रों पर मनसे कार्यकर्ताओं का हमला
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया है। इस बार उसके निशाने पर सतारा के सैनिक स्कूल में दाखिला लेने आए बच्चे व उनके अभिभावक रहे। इस घटना पर जदयू और भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
जागरण संवाददाता, मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया है। इस बार उसके निशाने पर सतारा के सैनिक स्कूल में दाखिला लेने आए बच्चे व उनके अभिभावक रहे। इस घटना पर जदयू और भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
सोमवार दोपहर बाद सतारा स्थित एक सैनिक स्कूल पहुंचे राज ठाकरे की मनसे के कार्यकर्ताओं ने सिविल अस्पताल में शारीरिक परीक्षा दे रहे छात्रों व उनके अभिभावकों से मारपीट की। बच्चे छठी कक्षा में दाखिले के लिए आए हैं। मनसे कार्यकर्ताओं का आरोप था कि स्कूल में दाखिला लेने आए उत्तर भारतीय छात्र अपनी उम्र का गलत प्रमाण पत्र लेकर आए थे।
मनसे चाहती है कि उक्त सैनिक स्कूल दाखिले में मराठी छात्रों को वरीयता दे। घटना पर सैनिक स्कूल प्रबंधन का कोई बयान अभी प्राप्त नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि इससे पहले सन् 2008 में भी मनसे ने इसी प्रकार मुंबई, नासिक व पुणे में रहने वाले उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया था। जिसके बाद बड़ी संख्या में इन स्थानों से लोगों को भागना पड़ा था।
सतारा के मनसे जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह भोसले ने इस सबको जायज ठहराया। भोसले ने कार्यकर्ताओं का आरोप दोहराते हुए कहा कि यह स्कूल पहले महाराष्ट्र के बच्चों के लिए है। यदि स्थानीय बच्चों का दाखिला नहीं हो पाता है तो यह उनके साथ अन्याय होगा। इसीलिए हमने यह कदम उठाया। इतना सब हो जाने के बाद भी पुलिस ने अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की है।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि यह ठीक नहीं है। राज्य सरकार को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि यह सब बस 'पब्लिसिटी स्टंट' है। मनसे प्रचार के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
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