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राम मंदिर के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकता है अल्पसंख्यक आयोग

रिजवी ने कहा कि संवैधानिक दायरे में रहते हुए जरूरत पड़ने पर आयोग सुप्रीम कोर्ट में भी राम मंदिर निर्माण के पक्ष में याचिका दाखिल कर सकता है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 08:27 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 08:27 PM (IST)
राम मंदिर के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकता है अल्पसंख्यक आयोग

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संघ परिवार और साधु-संतों के बाद अब अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में स्वर मुखर होने लगे हैं। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गैयूरुल हसन रिजवी के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से आयोग को पत्र लिख रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से उठ रही मांग को देखते हुए आयोग की अगले हफ्ते होने वाली बैठक में इस पर विचार किया जाएगा। रिजवी ने कहा कि संवैधानिक दायरे में रहते हुए जरूरत पड़ने पर आयोग सुप्रीम कोर्ट में भी राम मंदिर निर्माण के पक्ष में याचिका दाखिल कर सकता है।

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एक तरफ जहां संघ परिवार की ओर से सरकार पर दबाव है। पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में स्पष्ट है कि विवादित ढांचे के नीचे मंदिर के स्पष्ट सबूत है। जिस तरह का ढांचा पाया गया है वह मंदिर निर्माण से जुड़ा है। वहीं दैनिक जागरण से बातचीत में हसन रिजवी ने कहा कि देश का अधिकांश मुस्लिम समुदाय अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में मुसलमानों ने व्यक्तिगत रूप से और मुस्लिम संगठनों से ओर आयोग को पत्र लिखकर अयोध्या में राम मंदिर बनाकर इस विवाद का सदा के लिए अंत करने का आग्रह किया है। इनमें 99 फीसद का मानना है कि अयोध्या में अब दोबारा बाबरी मस्जिद बनना और वहां नवाज पढ़ा जाना कभी संभव नहीं हो पाएगा। ऐसे में वहां राम मंदिर निर्माण कर हमेशा के लिए विवाद को खत्म करना सही होगा।

रिजवी ने साफ किया कि व्यक्तिगत रूप से वे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में है। लेकिन आयोग का रुख अभी तय होना बाकी है। 14 नवंबर को आयोग की बैठक है, जिसके एजेंडे में अयोध्या का मामला भी शामिल है। बैठक में यह तय किया जाएगा कि अयोध्या विवाद को जल्द हल करने के लिए आयोग संवैधानिक दायरे में क्या कदम उठा सकता है। मामले के सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने को ध्यान में रखते हुए आयोग सर्वोच्च अदालत में अपील करने पर भी विचार कर सकता है।

आयोग के अध्यक्ष के रूप में रिजवी ने अल्पसंख्यक समुदाय से सम्मानजनक समझौता कर जल्द राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने की भी अपील की है। उनके अनुसार सुप्रीम कोर्ट में जमीन के मालिकाना हक को लेकर सुनवाई हो रही है। ऐसे में यदि मुस्लिम समुदाय को मालिकाना मिल जाता है, तब भी 100 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाकर वहां न तो मस्जिद बनाना संभव होगा और न ही नवाज पढ़ना। ऐसे में अदालत के बाहर सम्मानजनक समझौता कर विवाद को सदा के खत्म करना ज्यादा सही होगा।


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