सुदर्शन टीवी मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय आज रिकॉर्ड पर रखेगा आदेश
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि मंत्रालय का आदेश मंगलवार तक पेश किया जाएगा जिसके बाद असंतुष्ट लोग इसे चुनौती दे सकते हैं। शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई 19 नवंबर तक स्थगित कर दी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि सुदर्शन टीवी को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय आदेश के साथ तैयार है। सुदर्शन टीवी को यह नोटिस अंतर मंत्रालयी समूह की सिफारिश पर जारी किया गया था, जिसने चैनल के 'बिंदास बोल' कार्यक्रम की सभी कड़ियों को देखा था।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि मंत्रालय का आदेश मंगलवार तक पेश किया जाएगा, जिसके बाद असंतुष्ट लोग इसे चुनौती दे सकते हैं। मेहता की दलीलों को सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई 19 नवंबर तक स्थगित कर दी। शीर्ष अदालत उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें चैनल के 'बिंदास बोल' कार्यक्रम को लेकर शिकायत की गई थी। कार्यक्रम के प्रोमो में दावा किया गया था कि चैनल 'सरकारी सेवा में मुस्लिमों की घुसपैठ की बड़ी साजिश का खुलासा करेगा।'
बिना कमीज के नजर आया वकील
सुदर्शन टीवी मामले में सुनवाई के दौरान एक अप्रिय घटना भी सामने आई। एक वकील बिना कमीज के ही स्क्रीन पर नजर आया। कोरोना महामारी के चलते अदालतों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हो रही है। हालांकि, वकील बिना शर्ट के बहुत कम समय के लिए ही दिखा।
इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'मुझे किसी के प्रति सख्त होना पसंद नहीं, लेकिन आप स्क्रीन पर हैं। आपको ध्यान रखना होगा।' उन्होंने सॉलिसिटर जनरल और अन्य वकीलों से भी संबंधित वकील से बात करने को कहा, ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो। वहीं, पीठ में शामिल जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने इस बहुत ही अनुचित बताया।