बांग्लादेश के लाखों लोगों को पाक सेना ने उतारा था मौत के घाट, इस दिन को नरसंहार दिवस घोषित करने की मांग
Genocide In Bangladesh इंटरनेशनल फोरम फॉर सेक्युलर बांग्लादेश (आईएफएसबी) स्विट्जरलैंड चैप्टर ने शनिवार को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र भवन के सामने ब्रोकन चेयर चौक पर प्रदर्शन किया। उन्होंने 1971 में पाकिस्तान सेना द्वारा की गई बांग्लादेशियों की हत्या को नरसंहार करार देने की मांग की।
कोलकाता, एजेंसी। बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त अंदलीब इलियास ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश संयुक्त राष्ट्र से 25 मार्च को विश्व नरसंहार दिवस घोषित करने की मांग कर रहा है।
इंटरनेशनल फोरम फॉर सेक्युलर बांग्लादेश (IFSB) स्विट्जरलैंड चैप्टर ने शनिवार को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र भवन के सामने ब्रोकन चेयर चौक पर प्रदर्शन किया और 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए बांग्लादेश नरसंहार को मान्यता देने की मांग की।
नरसंहार दिवस के रूप में मान्यता देने का किया आग्रह
बांग्लादेश के सभी यूरोपीय स्वतंत्रता सेनानी संगसाद के नेताओं, स्विट्जरलैंड के अवामी लीग के सदस्यों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों ने भी विरोध में भाग लिया। बांग्लादेश स्वतंत्रता सेनानी तजुल इस्लाम ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से 25 मार्च को बांग्लादेश नरसंहार दिवस के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया।
बांग्लादेशी नरसंहार के खिलाफ कर रहे हैं न्याय की मांग
पाकिस्तान द्वारा 1971 के नरसंहार के खिलाफ न्याय की मांग करने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा इसकी मान्यता के लिए यूरोप से कुल 25 बांग्लादेशी प्रवासी संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के सामने एकत्र हुए। आईएफएसबी, स्विट्जरलैंड चैप्टर के अध्यक्ष खलीलुर रहमान ने कहा कि बांग्लादेश में बीएनपी और जमात आतंकवादी हैं।
नरसंहार के लिए पाकिस्तानी सेना की गई निंदा
फ्रैंकफर्ट के एक अन्य बांग्लादेशी स्वतंत्रता सेनानी अमीनुल रहमान खुसरो ने भी नरसंहार के लिए पाकिस्तानी सेना की निंदा की।
आपको बता दें कि 25 मार्च, 1971 की रात को पाकिस्तानी सेना द्वारा नागरिकों पर किए गए अत्याचारों के खिलाफ 2017 से बांग्लादेश में 'नरसंहार दिवस' मनाया जाता है, जब इसने बंगाली राष्ट्रवादी आंदोलन को कुचलने के लिए ढाका में 'ऑपरेशन सर्चलाइट' शुरू किया था।