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India Defence Spender: छह दशकों में सैन्य खर्च में लगातार बढ़ोतरी, सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वालों में शुमार

India Defence Spender किसी भी देश की ताकत का अंदाजा उस देश की सैन्य शक्ति से लगाया जाता है। इस मामले में भारतीय सेना की शौर्य गाथाएं दुनिया के लिए मिसाल हैं।

By Vineet SharanEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 11:39 AM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 01:16 PM (IST)
India Defence Spender: छह दशकों में सैन्य खर्च में लगातार बढ़ोतरी, सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वालों में शुमार
India Defence Spender: छह दशकों में सैन्य खर्च में लगातार बढ़ोतरी, सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वालों में शुमार

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/पीयूष अग्रवाल। India Defence Spender: भारत अपनी आजादी की सालगिरह मना रहा है। इतने वर्षों में कई क्षेत्रों में भारत ने नई इबारतें लिखी हैं। इस सुनहरी तस्वीर का एक पहलू यह है कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, यहां की सभ्यता तकरीबन दस हजार वर्ष पुरानी है। अंग्रेजों के कदम रखने से पहले यह विश्व का सबसे धनी देश था और यही नहीं दुनिया को विज्ञान से लेकर चिकित्सा तक का इल्म समझाने का काम किया। पर अंग्रेजों ने सोने की चिड़िया भारत को जमकर लूटा। गुलामी से मुक्त होने के बाद भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकता यही थी कि कैसे उसे उसका पुराना गौरव वापस दिलाया जाए। इन 73 सालों में हम अपने इस मकसद में काफी हद तक कामयाब हुए हैं।

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किसी भी देश की ताकत का अंदाजा उस देश की सैन्य शक्ति से लगाया जाता है। इस मामले में भारतीय सेना की शौर्य गाथाएं दुनिया के लिए मिसाल हैं। भारत की सैन्य ताकत की गवाही उसके आंकड़े भी देते हैं। भारत ने बीते छह दशकों में सैन्य खर्च में काफी बढ़ोतरी की है। सैन्य खर्च के मामले में भारत सार्क देशों के मुकाबले काफी आगे है। इस बात की पुष्टि विश्व बैंक की रिपोर्ट भी करती है। रिपोर्ट के अनुसार, 1960 के बाद से भारत ने लगातार अपने सैन्य खर्च में वृद्धि की है। यही नहीं, गौरव की बात यह भी है कि विश्व के इतिहास में पहली बार भारत और चीन दुनिया में सबसे ज्यादा सैन्य खर्च वाले चोटी के तीन देशों की सूची में शामिल हो गए हैं।

सैन्य खर्च की यह रिपोर्ट स्टॉकहॉम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने बनाई है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब रिपोर्ट में सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वाले तीन देशों में दो देश एशिया के ही हैं। अनुमान है कि 2019 में भारत का सैन्य खर्च लगभग 71 अरब डॉलर रहा था, जो 2018 में किए गए खर्च से 6.8 प्रतिशत ज्यादा था।

विश्व बैंक की सैन्य खर्च की परिभाषा कहती है कि आर्म्ड फोर्सेज पर सभी तरह के खर्च, पीसकीपिंग फोर्स का बजट, ऱक्षा मंत्रालय और रक्षा के काम से जुड़ी एजेंसी का बजट, मिलिट्री स्पेस एक्टिविटी, पेंशन, वेतन खर्च आदि को सैन्य खर्च में शामिल किया जाता है। इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैजिक स्टडीज (आईआईएसएस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अपनी सैन्य क्षमता का आधुनिकीकरण कर रहा है। इस रिपोर्ट के अनुसार, पड़ोसी देश पाकिस्तान का नाम टॉप 15 सैन्य खर्च वाले देशों में भी शामिल नहीं हैं। पाकिस्तान का सैन्य खर्च 9.93 अरब डॉलर (2016) के करीब है, जबकि भारत का सैन्य खर्च 52.5 अरब डॉलर (2016) है। 


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