Meghalaya MineTragedy: मामले की सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को करेगा सुनवाई
इसकी सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीशों की पीठ करेगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। मेघालय के खदान मे फंसे मज़दूरों के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होगी। इस मामले में सरकार को बचाव व राहत कार्य मे तेज़ी लाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है। बता दें कि मेघालय के लुमथरी की कोयला खदान मे 13 दिसंबर से 15 मज़दूर फंसे हैं। इस याचिका में खदानों के बारे में तय नियम प्रक्रिया बनाने की भी मांग की गई है। इसकी सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीशों की पीठ करेगी।
370 फीट गहरी इस अवैध खदान में लगभग तीन हफ्तों से फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए वचाव कार्य जारी है। इसके लिए करीब 200 से भी ज्यादा कुशल अधिकारियों व कर्मचारियों को लगाया गया है। इनमें नौसेना के 14, ओडिशा दमकल विभाग के 21, कोल इंडिया के 35, एनडीआरएफ के 72 और मेघालय एसडीआरएफ के जवान शामिल हैं। खदान से पानी निकालने के लिए उच्च क्षमता वाले आठ सबमर्सिबल पंप भी लगाए गए हैं।
इसे लेकर मेघालय की राजधानी शिलांग में राज्य महिला कांग्रेस ने अध्यक्ष जोप्लिन स्कॉट शायला के नेतृत्व में सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने श्रमिकों को बचाने के लिए शुरू किए गए कार्य की गति को धीमी बताते हुए मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली सरकार की भी आलोचना की थी।
इससे पहले खदान हादसे में जीवित बच निकले मजदूर साहिब अली ने बताया था कि किसी भी तरह से अंदर फंसे लोगों के जीवित बाहर आने की उम्मीद नहीं है। आखिर कोई आदमी बिना सांस लिए कितने समय तक जिंदा रह सकता है। साहिब असम के चिरांग जिले का निवासी है। उसके साथ अन्य चार मजदूर भी कोयला खदान में पानी भरने के दौरान बच निकले।