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अब माओवादियों के निशाने पर छत्तीसगढ़ सरकार

माओवादियों की ओर से जारी बयान में छत्तीसगढ़ के रा'यपाल शेखर दत्त और मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी धमकी दी गई है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के बयान में छत्तीसगढ़ के रा'यपाल शेखर दत्त, मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह, गृहमंत्री ननकीराम कंवर, उ'च शिक्षामंत्री रामविचार नेताम, जनस्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री केदार कश्यप, वनमंत्री विक्रम उसेंडी, महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल तथा छत्तीसगढ़ के डीजीपी रामनिवास व एडीजी मुकेश गुप्ता के नामों का उल्लेख किया गया है।

By Edited By: Published: Wed, 29 May 2013 07:59 AM (IST)Updated: Wed, 29 May 2013 09:10 AM (IST)
अब माओवादियों के निशाने पर छत्तीसगढ़ सरकार

रायपुर। माओवादियों की ओर से जारी बयान में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त और मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी धमकी दी गई है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के बयान में छत्तीसगढ़ के राच्यपाल शेखर दत्त, मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह, गृहमंत्री ननकीराम कंवर, उच्च शिक्षामंत्री रामविचार नेताम, जनस्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री केदार कश्यप, वनमंत्री विक्रम उसेंडी, महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल तथा छत्तीसगढ़ के डीजीपी रामनिवास व एडीजी मुकेश गुप्ता के नामों का उल्लेख किया गया है।

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कहा गया है कि ये सभी महेंद्र कर्मा की तरह गलतफहमी में हैं कि उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को भी ऐसी ही गलतफहमी थी। इधर रमन सिंह ने नक्सली हमले की पृष्ठभूमि पर चर्चा करने के लिए 30 मई को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

सलवा जुडूम का बदला लेने के लिए हुआ है नक्सली हमला

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर बर्बर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए माओवादियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने कांग्रेस के दो बड़े नेताओं-महेंद्र कर्मा और नंद कुमार पटेल की हत्या को जायज ठहराया है और घड़ियाली आंसू बहाते हुए अन्य लोगों की हत्या पर खेद भी जाहिर किया है।

मंगलवार को कुछ मीडिया संस्थानों को भेजे पत्र और रिकार्डेड बयान में जोनल कमेटी के प्रवक्ता गुड्सा उसेंडी ने कहा है कि कर्मा और पटेल को इसलिए मारा गया, क्योंकि वे जनता पर दमनचक्र चलाने में आगे थे।

नक्सली नेता ने जहां कर्मा, पटेल और विद्याचरण शुक्ल के साथ भाजपा-कांग्रेस पर मनमाने आरोप जड़े हैं, वहीं यह भी स्वीकार किया है कि शनिवार के हमले में कई निदरेष लोगों की भी हत्या हुई, जैसे ड्राइवर, कर्मचारी और कांग्रेस के निचले स्तर के नेता है। संगठन ने इन निर्दोषों की हत्या के लिए खेद जताया है।

माओवादी संगठन केप्रवक्ता उसेंडी के अनुसार कर्मा और पटेल को मार कर हमने एक हजार से ज्यादा आदिवासियों की ओर से बदला ले लिया, जिनकी सलवा जुडूम के गुंडों और सशस्त्र बलों के हाथों हत्या हुई थी। सलवा जुडूम के नाम पर 50 हजार आदिवासियों को जबरन उनके घर और शिविरों से निकालकर साथ लिया गया और छद्म आंदोलन का रूप दिया गया। जिन आदिवासियों ने उनका साथ नहीं दिया उन्हें नक्सली ठहराकर मार दिया गया या उन्हें झूठे मुकदमों में जेल में बंद कर दिया गया। पटेल को इलाके में पहली बार अर्धसैनिक बलों की तैनाती के लिए जिम्मेदार बताया गया है। राज्य के गृह मंत्री के तौर पर उन्होंने इसके लिए अनुमति दी थी।

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बयान में वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल को भी जनता का दुश्मन करार देते हुए कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने साम्राच्यवादियों, पूंजीपतियों और जमींदारों के प्रतिनिधि की भूमिका निभाई। शासन की शोषणकारी नीतियों के सक्रिय भागीदार बने। दमनकारी नीतियां लागू करने में कांग्रेस और भाजपा की समान भागीदारी है। नक्सलवाद के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा छेड़े गए ऑपरेशन ग्रीन हंट को बयान में सलवा जुडूम से आगे की कार्रवाई बताया गया है। हर बड़ी वारदात के बाद माओवादियों की ओर से जारी होने वाले इस तरह के परंपरागत बयान को नक्सली हिंसा को सर्वहारा वर्ग की लड़ाई का रूप देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इस तरह के बयान का उसके समर्थक बुद्धिजीवी तार्किक तौर पर बचाव में इस्तेमाल करते रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि बीते शनिवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में हुए नक्सली हमले में 29 लोग मारे गए थे और 32 घायल हुए थे।

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