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कई राज्यों में पीपीई और मेडिकल सुविधाओं की कमी लेकिन 92 फीसद लोग खतरे पर जागरूक

देश के कई राज्यों में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) और मेडिकल सुविधाओं की कमी है। लेकिन संतोषजनक यह है कि 92 फीसद खतरे को लेकर जागरूक हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 07:00 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 07:19 PM (IST)
कई राज्यों में पीपीई और मेडिकल सुविधाओं की कमी लेकिन 92 फीसद लोग खतरे पर जागरूक

नई दिल्ली, आइएएनएस। जम्मू-कश्मीर, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) और मेडिकल सुविधाओं की कमी है। डिपार्टमेंट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉ‌र्म्स एंड पब्लिक ग्रिवेंसेज की ओर से किए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। हालांकि सर्वेक्षण में संतोषजनक बात यह सामने आई है कि कोरोना महामारी को लेकर लोगों में जागरूकता का स्तर बहुत ज्यादा है। सर्वेक्षण के मुताबिक, 92 फीसद लोगों ने माना कि लोग इस खतरे को लेकर जागरूक हैं।

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75 फीसद बरत रहे सावधानी

सर्वेक्षण में शामिल 75 फीसद लोगों का कहना है कि लोग कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी सतर्कता बरत रहे हैं। 69 फीसद का मानना है कि लोग कोविड-19 से निपटने के लिए लॉकडाउन का शांतिपूर्वक पालन कर रहे हैं। 31 फीसद को लगता है कि लोग इससे ज्यादा परेशान हो रहे हैं। इस सर्वेक्षण में विभिन्न अस्पतालों में सुविधाओं की स्थिति पर भी राय सामने आई। 50 फीसद अधिकारियों का कहना है कि जिला और उप जिलास्तर पर आइसोलेशन बेड पर्याप्त हैं।

25 से 30 मार्च के बीच सर्वेक्षण

28 फीसद ने इनकी उपलब्धता पर चिंता जताई है। कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई मौजूदा स्थिति में प्रशासन की चुनौतियों को समझने के लिए 25 से 30 मार्च के बीच यह सर्वेक्षण किया गया। सर्वेक्षण में स्थानीय, जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में जुटे लोगों का योगदान भी सामने आया। लोग इस बात से सहमत दिखे कि सरकारी मशीनरी लोगों तक पहुंच रही है।

उठाए जा रहे उचित कदम

95 फीसद अधिकारियों ने कहा कि सरकारी मशीनरी ने लोगों को एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखने के प्रति सचेत किया है। 82 फीसद जिला कलेक्टरों और अधिकारियों ने माना कि भारत सरकार महामारी से लड़ने के लिए पर्याप्त कदम उठा रही है। 92 फीसद जिला कलेक्टरों व अधिकारियों ने माना कि देश में आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। ज्यादातर लोगों ने यह भी माना कि जनता क‌र्फ्यू की अपील अपने उद्देश्य में सफल रही थी।

अस्पतालों में और तैयारी की जरूरत

सर्वेक्षण में विभिन्न अस्पलाओं में तैयारियों की कमी भी सामने आई। जिला कलेक्टरों एवं अधिकारियों ने कहा कि कई क्षेत्रों में जिला व उप जिला अस्पतालों में मास्क, ग्लव्स आदि जैसे पीपीई की कमी चिंता का विषय है। इसमें सामने आया कि अरुणाचल प्रदेश के जिलों में सैंपल कलेक्शन किट, जांच सुविधा, पीपीई और आइसीयू व वेंटिलेटरों की कमी है।

जांच भी बनी चुनौती

पीपीई की कमी के कारण डॉक्टरों व चिकित्सा स्टाफ में संक्रमण का खतरा है। बिहार के कई जिलों में भी ऐसी स्थिति है। दिल्ली में संदिग्ध लोगों की पर्याप्त जांच भी चुनौती बनी हुई है। हरियाणा में श्रमिकों का पलायन चुनौती के रूप में सामने आया है। बाहर से आए लोग भी लगभग सभी जिलों में चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। असम के जिलों में लोगों द्वारा लॉकडाउन का पालन नहीं किया जाना भी चिंता का कारण बना हुआ है।


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