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मोदी सरकार की कथनी-करनी में अंतर बड़ा अंतर: मनीष तिवारी

आखिरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धार्मिक कट्टरता पर पहली बार अपनी चुप्‍पी तोड़ी है। उन्होंने कहा है कि सरकार धार्मिक कट्टरपंथियों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर नजर आता है। प्रधानमंत्री से इस बयान की उम्‍मीद

By T empEdited By: Published: Tue, 17 Feb 2015 03:17 PM (IST)Updated: Tue, 17 Feb 2015 03:31 PM (IST)

नई दिल्ली। आखिरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धार्मिक कट्टरता पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा है कि सरकार धार्मिक कट्टरपंथियों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर नजर आता है। प्रधानमंत्री से इस बयान की उम्मीद हम संसद के पटल पर कर रहे थे।

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कांग्रेस नेता पीसी चाको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि हम प्रधानमंत्री से यह बयान संसद में सुनना चाह रहे थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया इसलिए एक संदेश की स्थिति कायम है।

वहीं मनीष तिवारी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार कि कथनी और करनी में बहुत अंतर नजर आता है। जरूरत यह है कि मोदी सरकार इस समय संविधान के अनुसार कार्य करे।'

राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा विश्वास है कि उन्होंने जो कहा, उसे वो कर सकते हैं। हमारी संस्कृति एकता और सद्भाव पर टिकी है। जब प्रधानमंत्री विश्वास दिला रहे हैं कि वे हमारी संस्कृति पर हमला करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेंगे, फिर परेशान होने की क्या आवश्यकता।

नरेंद्र मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए के वी थॉमस ने कहा, 'वे नेता(जो धार्मिक कट्टरता फैलाते है) जानते हैं कि प्रधानमंत्री के कहने का मतलब क्या है और वे ये भी जानते हैं कि ये सब उन्हें कहा जा रहा है। वह देश के प्रधानमंत्री हैं, अब देखना है कि उनकी बातों पर कितना अमल होता है।'

वहीं प्रधानमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए साइरो मालाबार कैथोलिक चर्च के आर्क बिशप जार्ज अलेन्चेरी ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के बयान पर भरोसा करते हैं लेकिन भविष्य में इसे लागू करने में उन्हें मुश्किलें पेश आ सकती है। क्योंकि यहां ऐसी ताकतें है जो सिद्धांतों के खिलाफ है तथा समस्याएं खड़ी करती हैं।

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