Move to Jagran APP

Mandsaur firing case: पूर्व विधायक शकुंतला खटीक सहित 7 कांग्रेसी नेताओं को तीन साल की जेल

मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले से पूर्व विधायक शकुंतला खटीक और सात अन्य लोगों को तीन साल की सजा और 5000 रुपया का जुर्माना लगाया गया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 11:53 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 11:53 AM (IST)
Mandsaur firing case: पूर्व विधायक शकुंतला खटीक सहित 7 कांग्रेसी नेताओं को तीन साल की जेल
Mandsaur firing case: पूर्व विधायक शकुंतला खटीक सहित 7 कांग्रेसी नेताओं को तीन साल की जेल

भोपाल, एएनआइ। सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों से निपटने के लिए विशेष अदालत ने शनिवार को मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के करेरा से पूर्व विधायक शकुंतला खटीक और सात अन्य कांग्रेसी नेता को तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही इनपर  5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दरअसल, 2017 में मंदसोर में किसान प्रदर्शन के दौरान खटीक ने पुलिस स्टेशन को जलाने की धमकी दी थी। 

loksabha election banner

क्या था मामला 

गौरतलब है कि जून 2017 में मंदसौर में किसानों ने आंदोलन किया था। इस दौरान गोलीकांड के विरोध में कांग्रेस की तत्कालीन विधायक शकुंतला खटीक के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने करेरा में प्रदर्शन किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला दहन किया था।  प्रदर्शन के दौरान भीड़ काफी अनियंत्रित हो गई थी।

भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने वज्र वाहन से पानी की बछौर शुरु कर दी थी। वहीं, विधायक ने वहां मौजूद भीड़ को उकसाते हुए कहा कि थाने में आग लगा दो, जो होगा देखा जाएगा।

पुलिस प्रभारी के साथ किया अभद्र व्यवहार

जब भीड़ को पुलिस थाने के प्रभारी संजीव तिवारी ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो विधायक खटीक और उनके समर्थकों ने थाना प्रभारी संजीव सिंह के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और थाने में प्रवेश कर दिया। यहां जूते और चप्पलो का प्रयोग करते हुए उनके साथ मारपीट की। इस मामले के बाद पुलिस ने सतीश वर्मा, मनीष खटीक वीनस गोयल, बंटी यादव, शकुंतला खटीक, दीपक गुप्ता, नारायण जाटव के खिलाफ आगजनी और आम लोगों को भड़काने के साथ ही शासकीय कार्य में बाधा डालने सहित बाकी कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया था। 

खबरों के अनुसार, कांग्रेस की महिला नेता खटीक ने कहा कि उन्होंने किसानों के लिए संघर्ष किया। उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी कि किसी प्रकार की हिंसा की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी प्रकास की कोई हिंसा भी नहीं हुई। खटीक ने ये भी कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.