मंदसौर दुष्कर्म पीड़िता की पीड़ा सुन अधिकारियों के निकले आंसू
मंदसौर सामूहिक दुष्कर्म मामले की पीडि़त आठ वर्षीय बच्ची ने जब दर्दभरी दास्तां सुनाई तो बयान लेने वाले अधिकारियों की भी आंखें भर आईं।
मंदसौर [नईदुनिया]। 'मैं चीखती रही, चिल्लाती रही, कई बार अंकल से कहा कि मुझे छोड़ दो, पर उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी। वे मुझे नोचते रहे। गंदी हरकत करने के बाद गले को चाकू से काटने की कोशिश की। मंदसौर सामूहिक दुष्कर्म मामले की पीडि़त आठ वर्षीय बच्ची ने जब दर्दभरी दास्तां सुनाई तो बयान लेने वाले अधिकारियों की भी आंखें भर आईं। दोनों दरिंदों की हैवानियत की कहानी पीडि़ता की जुबानी सुनकर अधिकारी अपने आंसू नहीं रोक पाए।
मामले में मंगलवार को पेश चालान में बालिका के बयान भी शामिल किए गए हैं। इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती बालिका के अभी मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ नहीं होने के कारण पुलिस ने उसके प्रारंभिक बयान ही लिए हैं, जो लगभग एक से डेढ़ पेज के हैं। इसमें बालिका ने स्कूल से ले जाने के साथ ही बेहोश होने तक की दर्दनाक आपबीती सुनाई। अहसनीय दर्द के कारण बालिका के बेहोश होने के बाद दोनों आरोपित उसे मरा हुआ समझकर छोड़कर भाग गए थे।
92 गवाह और करीब 100 साक्ष्य
पुलिस ने वारदात के 14 दिन बाद मंगलवार को लगभग 350 पेज का चालान पॉक्सो एक्ट की विशेष कोर्ट में न्यायाधीश निशा गुप्ता के समक्ष पेश किया। इसमें 92 गवाह भी रखे गए हैं। लगभग 100 साक्ष्य भी शामिल किए गए हैं।
दावा किया जा रहा है कि मंदसौर में यह किसी भी वरदात के बाद सबसे जल्द पेश होने वाला चालान है। लोगों के आक्रोश के चलते दोनों आरोपितों की जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी कराई गई। गवाहों की सूची में एसआइटी से जुड़े पुलिस अधिकारी, बच्ची को सबसे पहले देखने वाले लोग, सामान जब्ती के समय उपस्थित लोग, उपचार करने वाले मंदसौर व इंदौर के चिकित्सकों सहित स्वास्थ्यकर्मी, इसके अलावा बालिका के स्कूल के आसपास के कुछ लोगों को भी शामिल किया गया है।
यह है पूरा मामला
गत 26 जून को शाम लगभग 5.30 बजे आरोपित आसिफ पुत्र जुल्फिकार मेव व इरफान पुत्र जहीर खां मेव दोनों निवासी मदारपुरा ने मंदसौर के हाफिज कॉलोनी स्थित स्कूल के बाहर से बालिका का अपहरण किया। इरफान बालिका को लेकर लक्ष्मणशाह दरवाजे के पास स्थित सुनसान झाडि़यों में पहुंचा। वहां आसिफ भी पहुंच गया।
दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया और गले व गाल पर चाकू से वारकर भाग गए। दूसरे दिन बालिका झाडि़यों में मिली तो गंभीर हालत में उसे इंदौर के एमवाय अस्पताल के लिए रेफर किया गया। शाम को सीसीटीवी फुटेज में दिखे इरफान को पुलिस ने पकड़ लिया। 28 जून को शहर बंद रहा और हजारों लोगों ने सड़क पर प्रदर्शन किया। 29 जून को आसिफ भी पुलिस की पकड़ में आ गया।