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केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा- खरीफ सीजन के लिए उर्वरकों का पर्याप्त भंडार, आसानी से होंगे उपलब्ध

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि केंद्र के पास खरीफ सीजन के लिए उर्वरकों का पर्याप्त भंडार है और देश भर के किसानों को उर्वरक आसानी से उपलब्ध होंगे । File Photo

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Wed, 22 Mar 2023 11:29 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2023 11:29 PM (IST)
खरीफ सीजन के लिए उर्वरकों का पर्याप्त भंडार।

नई दिल्ली, एएनआई। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि केंद्र के पास खरीफ सीजन के लिए उर्वरकों का पर्याप्त भंडार है और देश भर के किसानों को उर्वरक आसानी से उपलब्ध होंगे। मांडविया ने बताया कि यूरिया की अनुमानित आवश्यकता 179.01 मीट्रिक टन है, जबकि घरेलू उत्पादन 139 लाख मीट्रिक टन और 55 लाख मीट्रिक टन यूरिया पहले से ही स्टॉक में है।

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खरीफ सीजन के लिए पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध

उन्होंने कहा कि सरकार के पास खरीफ सीजन के लिए 25 लाख मीट्रिक टन डायमोनियम फास्फेट उपलब्ध है। खरीफ सीजन के लिए डायमोनियम फास्फेट (डीएपी) की आवश्यकता 58 लाख मीट्रिक टन है और घरेलू उत्पादन 20 लाख मीट्रिक टन है, जबकि 25 लाख मीट्रिक टन पहले से ही स्टॉक में है।

कृषि क्षेत्र में उठाए जा रहे कई कदम

खरीफ सीजन के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम की आवश्यकता 63 लाख मीट्रिक टन है और घरेलू उत्पादन 49 लाख मीट्रिक टन है जबकि 28 लाख मीट्रिक टन एनपीकेएस पहले से ही खरीफ सीजन के लिए स्टाक में है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत यूरिया, भारत डीएपी, भारत एमओपी और भारत एनपीकेएस जैसे भारत बैनर के तहत एक राष्ट्र एक उर्वरक की पहल लागू की जा रही है।

नैनो यूरिया से होंगे अधिक लाभ

नैनो यूरिया के महत्व के बारे में बात करते हुए मंडाविया ने कहा कि यह पारंपरिक यूरिया की तुलना में अधिक कारगर है और किसानों के लिए उच्च फसल उपज, आसान परिवहन जैसे उच्च लाभ हैं। उन्होंने कहा कि किसान नैनो यूरिया को तवज्जो दे रहे हैं। मांडविया ने कहा कि सरकार ने नैनो डीएपी को मंजूरी दे दी है और इसका उत्पादन छह महीने के भीतर शुरू हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि नैनो डीएपी के तीन संयंत्रों का उत्पादन 2026-27 तक इफको और एक संयंत्र सीआईएल द्वारा शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बोतल नैनो डीएपी 50 किलो डीएपी बैग के बराबर है और उम्मीद है कि 2026-27 तक डीएपी की 10-12 करोड़ बोतलें तैयार हो जाएंगी। मंत्री ने यह भी कहा कि रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने नियमित निरीक्षण के लिए समर्पित अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की है।


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