राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में आकर्षण का केंद्र बने विक्रम, जानें कैसे पूरा कर रहे हैं अपना संकल्प
Bharat Jodo Yatra मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उमरिया जिले के रहने वाले विक्रम सिंह पिछले 2.5 महीनों में 1200 किलोमीटर से अधिक चल चुके हैं। उन्होंने पिछले साल 28 अक्टूबर से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने के बाद से जूते-चप्पल छोड़े हैं।
पानीपत, एएनआई: Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में नंगे पैर यात्रा करने वाला एक शख्स आकर्षण का कारण बन गया है। पेशे से अधिवक्ता विक्रम प्रताप सिंह (Vikram Pratap Singh) मध्य प्रदेश से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए और नंगे पांव चल रहे हैं। ये बात विक्रम को अन्य लोगों से अलग बनाती है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उमरिया जिले के रहने वाले विक्रम सिंह पिछले 2.5 महीनों में 1200 किलोमीटर से अधिक चल चुके हैं।
'फैलाना चाहता हूं संदेश'
विक्रम प्रताप सिंह ने अपने संकल्प के बारे बात करते हुए एएनआई को बताया, "मैंने पिछले साल 28 अक्टूबर से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने के बाद से जूते-चप्पल छोड़े हैं। मैं देश में इस यात्रा का संदेश फैलाना चाहता हूं। शुरू से ही इस यात्रा में शामिल होना चाहता था। मैंने उनके संदेश को फैलाने का एक संकल्प लिया है।"
Man from Madhya Pradesh travelling barefoot since start of Bharat Jodo Yatra
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— ANI Digital (@ani_digital) January 7, 2023
कर चुके हैं 1200 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा
विक्रम प्रताप सिंह ने आगे कहा, "मैं मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से इस यात्रा में शामिल हुआ और नंगे पैर हरियाणा के पानीपत पहुंचा हूं। मैं ढाई महीने में 1200 किलोमीटर से ज्यादा चल चुका हूं।" सिंह पैर में परेशानी के बावजूद नंगे पैर चल रहे हैं और प्रेरणा के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को श्रेय देते हैं। सिंह ने कहा, "जब मैं राहुल गांधी को यात्रा में देखता हूं तो यह मुझे प्रेरित करता है और मुझे दर्द के बावजूद और अधिक चलने के लिए प्रेरित करता है।"
'कम है दर्द'
मध्य प्रदेश के मूल निवासी विक्रम प्रताप सिंह श्रीनगर तक यात्रा को नंगे पैर पूरा करना चाहते हैं। ठंड में नंगे पांव चलने में होने वाली परेशानी के बारे में पूछे जाने पर सिंह मानते हैं कि महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहे लोगों की तुलना में उनका दर्द कम है। सिंह ने कहा, "मैं यह संदेश देना चाहता हूं कि यात्रा कोई राजनीतिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह बताना है कि लोगों को जातिवादी और धार्मिक कट्टरपंथी बनने के बजाय पहले राष्ट्रवादी होना चाहिए। यह राष्ट्रवादी भावना है जिसे हम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।"
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