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शर्मनाक: सामाजिक बहिष्कार कर ग्रामीणों ने नहीं दिया कंधा, साइकिल पर लाद ले गया मां का शव

एक बेटे को मां का शव साइकिल पर लादकर चार किलोमीटर दूर छर्ला जंगल तक ले जाने को मजबूर होना पड़ा। वहां उसने अपनी मां के शव को दफनाया।

By Arti YadavEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 08:43 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 08:43 AM (IST)
शर्मनाक: सामाजिक बहिष्कार कर ग्रामीणों ने नहीं दिया कंधा, साइकिल पर लाद ले गया मां का शव
शर्मनाक: सामाजिक बहिष्कार कर ग्रामीणों ने नहीं दिया कंधा, साइकिल पर लाद ले गया मां का शव

राउरकेला, जागरण संवाददाता। सामाजिक बहिष्कार के कारण सुंदरगढ़ जिले(ओडिशा) के हेमगिर थाना अंतर्गत गोपालपुर के कर्पाबहाल में एक बेटे को मां का शव साइकिल पर लादकर चार किलोमीटर दूर छर्ला जंगल तक ले जाने को मजबूर होना पड़ा। वहां उसने अपनी मां के शव को दफनाया।

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घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की है। जातिवाद के कारण हुई इस अमानवीय घटना से मानवता शर्मसार हो गई। बताया जाता है कि सुंदरगढ़ जिले के गोपालपुर की विधवा जानकी सिंघारनिया सामाजिक बहिष्कार झेल रही थी। अपने 16 साल के बेटे के साथ लखनपुर के कर्पाबहाल में किसी तरह वह गुजारा कर रही थी।

बुधवार को पास के एक कुएं से पानी भरते वक्त गिर गई। उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी के बावजूद पास पड़ोस एवं गांव के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार का हवाला देकर अर्थी को कंधा देने के लिए आने से इन्कार कर दिया। इस कारण विवश होकर पुत्र मां के शव को साइकिल में लादकर करीब चार किलोमीटर दूर छर्ला जंगल पहुंचा और वहां उसे दफना कर लौटा।


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