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ममता ने वामो की ओर हाथ बढ़ाया

पश्चिम बंगाल में भाजपा की बढ़ती सक्रियता और उसके प्रति लोगों के बढ़ते रुझान से निपटने के लिए तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नई रणनीति अपना रही हैं। इसके चलते पार्टी के भीतर गुटबाजी पर लगाम लगाने के लिए ममता ने जिला स्तर के सभी पार्टी नेताओं को तलब किया है। साथ ही ममता ने तीन वर्ष में पहली बार वाममोर्चा नेताओं से मिलने को तैयार हुई हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ममता ने रणनीति के तहत वाममोर्चा नेताओं को समय दिया है। इससे लोगों को संदेश दिया सके कि वाममोर्चा

By Edited By: Published: Mon, 09 Jun 2014 07:26 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jun 2014 07:27 PM (IST)

कोलकाता, जागरण ब्यूरो। पश्चिम बंगाल में भाजपा की बढ़ती सक्रियता और उसके प्रति लोगों के बढ़ते रुझान से निपटने के लिए तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नई रणनीति अपना रही हैं। इसके चलते पार्टी के भीतर गुटबाजी पर लगाम लगाने के लिए ममता ने जिला स्तर के सभी पार्टी नेताओं को तलब किया है। साथ ही ममता ने तीन वर्ष में पहली बार वाममोर्चा नेताओं से मिलने को तैयार हुई हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ममता ने रणनीति के तहत वाममोर्चा नेताओं को समय दिया है। इससे लोगों को संदेश दिया सके कि वाममोर्चा ही राज्य का मुख्य विपक्षी गठजोड़ है और तृणमूल सरकार उनकी बातें सुन रही है। यह सब भाजपा की तरफ से लोगों का ध्यान हटाने की नीयत से किया जा रहा है।

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बंगाल में इस वक्त तृणमूल की दोहरी परेशानी है। एक तरफ भाजपा आक्रामक तरीके से तृणमूल के खिलाफ मुखर हो रही है। राज्य के नेताओं की बातों को केंद्रीय भाजपा नेतृत्व अहमियत दे रहा है। पार्टी समर्थकों पर हो रहे हमले को लेकर केंद्रीय नेतृत्व टीम भेज रहा है। दूसरी तरफ तृणमूल अंदरूनी लड़ाई से भी जूझ रही है। तृणमूल में जारी आपसी गुटबाजी खुल कर सतह पर आ चुकी है। इसे रोकना ममता की पहली प्राथमिकता है। इसीलिए ममता ने जिला स्तर के नेताओं को पार्टी मुख्यालय में तलब कर पार्टी के तीन प्रमुख नेता- पार्थ चटर्जी, सुब्रत बक्शी और फिरहाद हकीम को उन्हें समझाने का दायित्व सौंपा है। साथ ही ममता ने स्पष्ट कहा है कि यदि गुटबाजी बंद नहीं होती है तो इसका प्रमाण मिलते ही संलिप्त नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा। एक ओर जहां शुभेंदू अधिकारी सीधे-सीधे नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं। वहीं अर्जुन सिंह भी असंतुष्ट दिख रहे हैं।

पढ़ें: ममता की नरमी


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