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महंगे पेट्रोल पर ममता का मार्च

पेट्रोल मूल्यवृद्धि पर केद्र सरकार को खरी-खोटी सुनाने और रेलमत्री मुकुल रॉय से जुलूस निकलवाने के बाद तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी शनिवार को खुद सड़क पर उतर पड़ी।

By Edited By: Published: Sun, 27 May 2012 08:34 AM (IST)Updated: Sun, 27 May 2012 10:19 AM (IST)
महंगे पेट्रोल पर ममता का मार्च

कोलकाता, जागरण ब्यूरो। पेट्रोल मूल्यवृद्धि पर केंद्र सरकार को खरी-खोटी सुनाने और रेलमंत्री मुकुल रॉय से जुलूस निकलवाने के बाद तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को खुद सड़क पर उतर पड़ीं।

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राज्य को विशेष पैकेज न दिए जाने के कारण पहले से खफा दीदी ने पेट्रोल की आड़ में केंद्र पर सीधा निशाना साधा और अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, तृकां नेताओं व हजारों समर्थकों के साथ दक्षिणी कोलकाता के यादवपुर से हजारा क्रासिंग तक पांच किलोमीटर तक विरोध मार्च किया। यह पहला मौैका है, जब ममता बतौर मुख्यमंत्री केंद्र के फैसले का विरोध करने सड़क पर उतरी हैं। वहीं, तृणमूल के मार्च से क्षुब्ध कांग्रेस की राज्य इकाई ने ममता पर दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र का विरोध ही करना है तो ममता संप्रग से हट जाएं। इतना ही नहीं राज्य सरकार को पेट्रोल पर लगने वाले करों में कटौती कर वृद्धि से प्रभावित उपभोक्ताओं को राहत देने की सीख भी दे डाली। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संप्रग सरकार पर पेट्रोल मूल्यवृद्धि वापसी का दबाव बनाने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री मुकुल रॉय, उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी, नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम, आवास मंत्री अरूप विश्वास, विधानसभा की उपाध्यक्ष सोनाली गुहा और मुख्य सचेतक शोभनदेव चटर्जी तथा हजारों कार्यकर्ताओं के साथ यादवपुर से हाजरा क्रासिंग तक मार्च किया। केंद्र सरकार और कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे तृणमूल कार्यकर्ताओं के हाथों में पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि वापसी के पोस्टर थे। ममता ने लोगों को संबोधित करते हुए केंद्र के फैसले पर जबरदस्त नाखुशी जताई और उसे तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए कहा यह अस्वीकार्य है। बुधवार के बयान को दोहराया कि पेट्रोल के दामों में वृद्धि अनुचित, एकतरफा और गलत है। हम ऐसे फैसले का समर्थन नहीं कर सकते जो आम आदमी पर भारी अतिरिक्त बोझ डालेगा। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वह मूल्यवृद्धि के खिलाफ रविवार से बूथ और ब्लाक स्तर पर विरोध मार्च शुरू करें। विधानसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक शोभनदेव चटर्जी ने कहा, ममता देश की पहली ऐसी नेता हैं, जो पेट्रोल मूल्यवृद्धि के खिलाफ सड़क पर उतरीं हैं। हालांकि हम संप्रग का हिस्सा हैं लेकिन हमने कोई बांड पर दस्तखत नहीं किए हैं। तृणमूल न्यूनतम साझा कार्यक्रम के प्रति वचनबद्ध हैं। संप्रग की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने पेट्रोल के दाम बढ़ाने से पहले हमसे कोई बात नहीं की। ऐसे में हमारे पास विरोध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी से मिलने के बावजूद अभी तक केंद्र से पश्चिम बंगाल को आर्थिक मदद नहीं मिलने से ममता बेहद क्षुब्ध हैं। इसीलिए पेट्रोल कीमतों में वृद्धि की आड़ में उन्होंने केंद्र और उसकी आर्थिक नीतियों पर हमला बोला है। इससे पहले विशेष पैकेज का दबाव बनाने को उन्होंने राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी पर निशाना साधा था। वहीं, ममता के विरोध मार्च से खफा कांग्रेस सांसद अधीर चौधरी ने कहा है कि ममता दोहरी राजनीति कर बंगाल की जनता को गुमराह कर रही हैं।

केंद्र में शामिल होने के बावजूद उसका विरोध का औचित्य समझ से परे हैं। केंद्र की नीतियों का इस तरह से विरोध करना है तो ममता सरकार से हट जाएं। हाल ही में प्रदेश युवक कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की बदहाली और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर हमले के विरोध में कोलकाता में जुलूस निकाला था। उस प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस किसी की दया पर नहीं है। कांग्रेस अपना रास्ता चुन ले।

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