Move to Jagran APP

Makar Sankranti 2019: जानें क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति, मुहूर्त, विधि और महत्व भी समझें

15 जनवरी से पंचक,खरमास और अशुभ समय समाप्त होने के सात ही विवाह, गृह प्रवेश आदि के शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। इसी दिन प्रयागराज में चल रहे कुंभ महोत्सव का पहला शाही स्नान होगा।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 09:21 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 09:41 AM (IST)
Makar Sankranti 2019: जानें क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति, मुहूर्त, विधि और महत्व भी समझें
Makar Sankranti 2019: जानें क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति, मुहूर्त, विधि और महत्व भी समझें

नई दिल्ली, जेएनएन। मकर संक्रांति का महापर्व इस साल 14 जनवरी की बजाए 15 जनवरी को मनाया जाएगा। 15 जनवरी से पंचक, खरमास और अशुभ समय समाप्त होने के सात ही विवाह, गृह प्रवेश आदि के शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। इसी दिन प्रयागराज में चल रहे कुंभ महोत्सव का पहला शाही स्नान होगा। शाही स्नान के साथ ही देश-विदेश के श्रद्धालु कुंभ के पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाना शुरू कर देंगे।

loksabha election banner

मकर संक्रांति के पर्व को देश में माघी, पोंगल, उत्तरायण, खिचड़ी और बड़ी संक्रांति आदि नामों से जाना जाता है। आपको जानकर खुशी होगी कि इस दिन गुजरात में अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्वस का आयोजन होता है। 

मकर संक्रांति का मुहूर्त, पूजा विधि और अन्य खास बातें 

मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त

  • पुण्य काल मुहूर्त - 07:14 से 12:36 तक (15 जनवरी 2019)
  • महापुण्य काल मुहूर्त - 07:14 से 09:01 तक (15 जनवरी 2019 को)

मकर संक्रांति पूजा विधि
मकर संक्रांति के दिन सुबह किसी नदी, तालाब में स्नान करें। इसके बाद नए या साफ वस्त्र पहनकर सूर्य देवता की पूजा करें। चाहें तो पास के मंदिर भी जा सकते हैं। इसके बाद ब्राह्मणों,गरीबों को आटा, दाल, चावल, खिचड़ी और तिल के लड्डू का दान करें। इसके बाद घर में प्रसाद ग्रहण करने से पहले आग में थोड़ सा गुड़ और तिल डालें और अग्नि देवता को प्रणाम करें।

मकर संक्रांति पूजा मंत्र
ऊं सूर्याय नम: ऊं आदित्याय नम: ऊं सप्तार्चिषे नम:

मकर संक्रांति का महत्व
इस दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में आ जाते हैं। उत्तरायण में सूर्य रहने के समय को शुभ समय माना जाता है और मांगलिक कार्य आसानी से किए जाते हैं। चूंकि पृथ्वी दो गोलार्धों में बंटी हुई है ऐसे में जब सूर्य का झुकाव दाक्षिणी गोलार्ध की ओर होता है तो इस स्थिति को दक्षिणायन कहते हैं और सूर्य जब उत्तरी गोलार्ध की ओर झुका होता है तो सूर्य की इस स्थिति को उत्तरायण कहते हैं। इसके साथ ही 12 राशियां होती हैं, जिनमें सूर्य पूरे साल एक-एक माह के लिए रहते हैं। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.