J&K में अगले सप्ताह होगी केंद्र की अग्नि परीक्षा, इस तरह से तैयारी में जुटी सरकार
केंद्र सरकार के लिए अगले कुछ दिन जम्मू कश्मीर में शांति बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने से यहां का माहौल गर्म है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। मोदी सरकार ने जब से अनुच्छेद 370 को खत्म किया है उसके बाद से ही जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर सभी को चिंता है। किसी अनहोनी से निपटने के लिए सरकार ने पहले ही वहां पर सेना को एलर्ट कर दिया था। हालात को सामान्य बनाए रखने के लिए अतिरिक्त टुकड़ी भी भेज दी गई। सेना वहां की सड़कों पर गश्त कर रही है।
वहां के माहौल को सामान्य बनाने और घाटी की सुरक्षा की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी वहां पर मौजूद हैं। पिछले दिनों वह यहां सड़कों पर आम आदमियों से बात करते और उनके साथ खाना खाते भी दिखाई दिए थे। लिहाजा इसमें कोई दो-राय नहीं होगी कि वर्तमान में उनके कंधों के ऊपर सरकार ने काफी बड़ी जिम्मेदारी दे रखी है। यह जिम्मेदारी इस लिहाज से भी बेहद खास है क्योंकि आने वाले सप्ताह में सरकार की यहां पर अग्नि परीक्षा होनी है।
सरकार ने किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों को पहले ही वहां तैनात कर दिया था, इसी के साथ अमरनाथ यात्रा और घूमने टहलने के लिए गए सैलानियों को वहां से वापस बुला लिया गया। उम्मीद ये थी कि जब सरकार ये घोषणा करेगी तो आतंकी वहां किसी न किसी तरह से विरोध दर्ज कराने के लिए कुछ न कुछ करेंगे। ऐसी स्थिति में वहां पर आम नागरिक और गए हुए सैलानियों के जीवन को नुकसान होगा। इस वजह से इन सभी को 48 घंटे के भीतर जम्मू कश्मीर छोड़ने का संदेश दिया गया था। इसी हिसाब से लोग वहां से वापस लौट आए।
(फाइल फोटो)
जुम्मे की नमाज खास
अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद सरकार की ओर से वहां पर एहतियातन धारा 144 लगा दी गई थी।कुछ जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किए गए हैं, जिससे अलगाववादी यहां पर माहौल को खराब न करने पाएं। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद जुम्मे की पहली नमाज को देखते हुए सरकार ने पूरी तैयारी की है। सरकार की कोशिश है कि सभी लोग शांतिपूर्वक नमाज अदा करें।
(फाइल फोटो)
बकरीद 12 अगस्त
बकरीद को बड़ी ईद भी कहा जाता है। मान्यता है कि बकरीद इस्लामिक कैलेंडर की तारीख को देखे जाने वाले चांद के मुताबिक होती है। इस बार 12 अगस्त को बकरीद है जोकि इस्लामिक कैलेंडर में ज़ु-अल-हज्जा माह की 10वीं तारीख है। इस दिन भी यहां पर बड़े पैमाने पर लोग अपने घरों से निकलेंगे। इस वजह से इस दिन भी सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौंबद बनाए रखना और इस त्यौहार को शांतिपूर्वक निपट जाने देना भी एक चुनौती सरीखा भी है। इसको देखते हुए सरकार ने साफ कर दिया है कि वह कोशिश कर रही है कि बकरीद को देखते हुए लोगों को कोई दिक्कत न हो। इसके लिए बाजारों का लगना और बकरों की खरीद-फरोख्त बिना दिक्कत हो सके, इसकी कोशिश कर रही है।
14 अगस्त
हर साल 14 अगस्त के दिन पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। अलगाववादियों द्वारा अब से पहले कई जगहों पर पाकिस्तान का झंडा लेकर प्रदर्शन करने और माहौल को खराब करने की कोशिश की जाती रही है। इसका इस्तेमाल पाकिस्तान अपने फायदे के लिए करता रहा है। लिहाजा इस बार ऐसा कुछ न हो पाए इसको देखते हुए भी सरकार ने अपनी कमर कस ली है।
15 अगस्त
वहीं 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस भी है। अलगाववादियों द्वारा पूर्व में कई बार ऐसा हुआ है कि इस मौके पर तिरंगे को नुकसान पहुंचाने के कृत्य किए जाते रहे हैं। यह सब कुछ मुठ्ठी भर लोगों द्वारा पैसा लेकर किया जाता रहा है। सरकार ने इसको रोकने के लिए हर संभव कोशिश की है। सरकार की कोशिश ये भी है कि इस बार राज्य की सभी पंचायतों में तिरंगा शान के साथ लहराए। इसके अलावा इस दौरान होने वाला समारोह भी शांतिपूर्वक पूरा करने की कोशिश सरकार ने की है।
हाई अलर्ट पर हैं तमाम सुरक्षाबल
घाटी में पहले से मौजूद 45 हजार पैरामिलिट्री बलों के साथ सुरक्षाबलों की 100 कंपनियां ताजा तैनात की गई है। बताया जाता है कि सीमा पार से पाकिस्तानी इरादों और घाटी में मौजूद अलगावादियों की कोशिशों को नाकाम करने के लिए काफी है। सेना ने घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और रेगुलर सुरक्षाबलों को भी हाई अलर्ट पर रखा है। सरकार ने हर महकमे को यहां पर माहौल शांत बनाए रखने के निर्देश दिए हैं, वो उसी हिसाब से यहां पर अपनी रणनीति बनाकर काम कर रहे हैं।
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