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राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में महाराष्ट्र, राजस्थान व उत्तर प्रदेश सबसे आगे, बिहार और पंजाब पीछे

वर्ष 2018-19 के दौरान कुल मिलाकर देश में 10800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गो का निर्माण हुआ। यह प्रतिदिन 30 किलोमीटर सड़क निर्माण को दर्शाता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 09:38 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jun 2019 12:56 AM (IST)
राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में महाराष्ट्र, राजस्थान व उत्तर प्रदेश सबसे आगे, बिहार और पंजाब पीछे

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सड़क निर्माण में भारत में महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सबसे आगे हैं। पंजाब, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य इस मामले में सबसे पीछे हैं।

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बीते दो वर्षो में महाराष्ट्र में 3000 किलोमीटर से ज्यादा राष्ट्रीय राजमार्गो का निर्माण हुआ है। राजस्थान में लगभग 2000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है। कर्नाटक में भी लगभग 1600 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए गए हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर आता है जहां तकरीबन 1300 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गो का निर्माण हुआ है। इनके मुकाबले बिहार में सिर्फ करीब 700 किलोमीटर और पंजाब में लगभग 600 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गो का निर्माण हुआ।

महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, ओडिशा तथा छत्तीसगढ़ ऐसे राज्य हैं जहां 1000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गो का निर्माण हुआ है। बाकी राज्यों में इससे कम सड़क निर्माण हुआ।

कर्नाटक, ओडिशा और महाराष्ट्र को तटीय राज्य होने के नाते सड़क निर्माण में अधिक हिस्सेदारी प्राप्त हुई है। क्योंकि केंद्र सरकार यहां बंदरगाहों को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण पर विशेष ध्यान दे रही है। जबकि उत्तर प्रदेश को राजनीतिक एवं धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ प्रधानमंत्री का संसदीय राज्य होने का लाभ मिला है।

राजमार्ग निर्माण के मामले में नितिन गडकरी ने अपने गृह राज्य महाराष्ट्र के अलावा प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से जुड़े राज्य उत्तर प्रदेश को हमेशा विशेष महत्व दिया है। जहां महाराष्ट्र में उन्होंने बीते वर्ष सर्वाधिक 1800 किलोमीटर सड़कों का निर्माण करवाया। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में 30,227 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के शिलान्यास करवाए।

उत्तर प्रदेश के बेहतर प्रदर्शन का श्रेय उन्होंने योगी सरकार को दिया था। जबकि बिहार और पंजाब में कम सड़क निर्माण का दोष वहां की राज्य सरकारों पर मढ़ा था जो भूमि अधिग्रहण के मोर्चे पर विफल रही थीं। यह तब है जबकि इन दोनो राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री अपने यहां सड़क निर्माण में तेजी लाने के लिए समय-समय पर गडकरी से गुहार लगाते रहे हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य की 13 सड़क परियोजनाओं को भारतमाला में शामिल करने तथा सात नई सड़क परियोजनाओं को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग गडकरी से की थी। जबकि नीतीश कुमार ने राज्य में धीमे सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था और बिहार की सड़कों की मरम्मत के लिए निर्धारित 970 करोड़ रुपये की राशि को रोकने की तोहमत मढ़ी थी। हालांकि बाद में गडकरी ने नीतीश से मिलकर राज्य में 55 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं कार्यान्वित करने का एलान किया था। लेकिन उन पर काम शुरू होना अभी शेष है।

वर्ष 2018-19 के दौरान कुल मिलाकर देश में 10,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गो का निर्माण हुआ। यह प्रतिदिन 30 किलोमीटर सड़क निर्माण को दर्शाता है। इस दौरान 3,338 किलोमीटर राजमार्गो को दो से चार अथवा चार से छह लेन में चौड़ा किया गया है। 

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