कोरोना मरीजों के सस्ते इलाज के लिए महाराष्ट्र, गुजरात व यूपी ने निजी क्षेत्र से किया समझौता
वर्तमान में देश में 907 लैबों का नेटवर्क है जिसमें 659 लैब सरकारी क्षेत्र और 248 लैब निजी क्षेत्र की हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि कोविड-19 के मरीजों को उचित स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने की कोशिश के तहत उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने निजी क्षेत्र के साथ समझौता किया है।
बुनियादी ढांचे की कमी के मद्देनजर निजी क्षेत्र से वार्ता
स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे की कमी की संभावना के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बिस्तरों की उपलब्धता व क्रिटिकल केयर स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने और इन सेवाओं के लिए उचित व पारदर्शी शुल्क सुनिश्चित करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ बातचीत करने को कहा था।
कोरोना मरीजों को बेहतर इलाज के लिए नौ राज्य पहले ही निजी क्षेत्र से समझौता कर चुके हैं
मंत्रालय ने बताया कि तमिलनाडु, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक और मध्य प्रदेश पहले ही यह पहल कर चुके हैं। वे पहले ही बातचीत करके निजी क्षेत्र के साथ इस संबंध में समझौता कर चुके हैं। राज्यों से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं की पूलिंग पर विचार करने के लिए भी कहा गया है, इससे कोविड-19 मरीजों को तत्काल, अच्छी गुणवत्ता की और उचित स्वास्थ्य देखभाल मिलने में मदद मिलेगी।
कोविड-19 का पता लगाने के लिए टेस्ट क्षमता बढ़कर तीन लाख सैंपल प्रतिदिन पहुंच गई
मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 का पता लगाने के लिए टेस्ट क्षमता को लगातार बढ़ाया जा रहा है और अब यह तीन लाख सैंपल प्रतिदिन पहुंच गई है। वर्तमान में देश में 907 लैबों का नेटवर्क है जिसमें 659 लैब सरकारी क्षेत्र और 248 लैब निजी क्षेत्र की हैं। मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 के डायग्नोसिस के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट गोल्ड स्टैंडर्ड फ्रंटलाइन टेस्ट है। दूरदराज के इलाकों में ट्रूनेट और सीबी एनएएटी का इस्तेमाल किया जा सकता है और किया जा रहा है। अभी तक कोविड-19 के लिए 59,21,069 सैंपलों का टेस्ट किया गया है और पिछले 24 घंटों में 1,54,935 सैंपल टेस्ट किए गए हैं।
दिल्ली में टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए अब प्रत्येक जिले के लिए लैब चिन्हित होंगी
दिल्ली में टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए अब सभी 11 जिलों में प्रत्येक जिले के लिए लैब चिन्हित होंगी। वर्तमान में दिल्ली में कुल 42 लैब हैं और उनकी टेस्ट क्षमता करीब 17 हजार प्रतिदिन की है।