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सीबीआइ की निगरानी से गायब हो गया था 103 किलो सोना, अब इसकी तलाश करेगी तमिलनाडु की सीआइडी

मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सीबी-सीआइडी को सीबीआइ की निगरानी से गायब हुए 103 किलोग्राम सोने की तलाश करने का निर्देश दिया है। पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी की देखरेख में छह महीने के भीतर जांच पूरी करने के आदेश हुए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2020 07:44 PM (IST)Updated: Sat, 12 Dec 2020 07:44 PM (IST)
सीबीआइ की निगरानी से गायब हो गया था 103 किलो सोना, अब इसकी तलाश करेगी तमिलनाडु की सीआइडी
सीबीआइ की निगरानी से गायब हुए 103 किलो सोने की तलाश अब सीबी-सीआइडी करेगी।

चेन्नई, पीटीआइ। मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सीबी-सीआइडी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की निगरानी से गायब हुए 103 किलोग्राम सोने की तलाश करने का निर्देश दिया है। यह सोना 2012 में चेन्नई के सुराना कॉरपोरेशन लिमिटेड के यहां छापेमारी के दौरान सीबीआइ द्वारा जब्त किए गए कुल 400.47 किलोग्राम सोने और गहने का हिस्सा था। जस्टिस पीएन प्रकाश ने शुक्रवार को सीबी-सीआइडी को निर्देश दिया कि वह पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी की देखरेख में इस मामले की छह महीने के भीतर जांच पूरी कराए।

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अदालत ने सीबीआइ की यह दलील भी खारिज कर दी कि स्थानीय पुलिस से मामले की जांच कराने पर उसकी प्रतिष्ठा धूमिल होगी। सुराना कॉरपोरेशन लिमिटेड के लिक्विडेटर की याचिका पर अदालत ने यह निर्देश दिया है। याचिका में अदालत से सीबीआइ 103.864 किलोग्राम सोना सौंपने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था। सीबीआइ की देखरेख में सोने को सुराना कॉरपोरेशन के लॉकर में ही सील करके रखा गया था।

अदालत ने कहा कि पुलिसकर्मियों पर भरोसा किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं है कि सीबीआइ ही इस मामले की जांच कर सकती है और स्थानीय पुलिस नहीं। जज ने कहा कि यह सीबीआइ के लिए अग्निपरीक्षा हो सकती है। फर्म के यहां छापे की जांच के दौरान सीबीआइ ने कहा था कि जब्त सोने का भ्रष्टाचार के मामले से कोई संबंध नहीं है, बल्कि विदेश व्यापार नीति का उल्लंघन कर इसका आयात किया गया है।

बाद में सीबीआइ ने कंपनी को क्लीन चिट दे दी थी और भारतीय खनिज और धातु व्यापार निगम (एमएमटीसी) के कुछ अधिकारियों के खिलाफ कंपनी को लाभ पहुंचाने के आरोप में विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की थी। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने जब्त सोने को सुराना कॉरपोरेशन के लिक्विडेटर को सौंपने को कहा गया। जब सोना लौटाया जा रहा था, उसका वजन सिर्फ 296.606 किलोग्राम ही निकला। इसके बाद लिक्विडेटर ने हाई कोर्ट में यह याचिका लगाई थी।


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