जमानत के लिए हाई कोर्ट की अनोखी शर्त, दो महीने के लिए सोशल मीडिया से दूर रहेगा छात्र
पांच मई 2020 को सुभाष त्यागी हरेंद्र त्यागी सुमित पाठक देववृत त्यागी व नीलेश त्यागी ने असवार निवासी बनर्जी गुप्ता के साथ मारपीट की थी।
ग्वालियर, जेएनएन। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की एकलपीठ ने कृषि विज्ञान के छात्र को जमानत पर रिहा करने के लिए अनोखी शर्त रखी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि जेल से रिहा होने के बाद छात्र दो महीने तक खुद को सोशल मीडिया से दूर रखेगा। फेसबुक, वाट्सएप सहित अन्य किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वह सक्रिय दिखा, तो जमानत निरस्त कर दी जाएगी। हर महीने डिजिटल डिटॉक्सिफिकैशन रिपोर्ट पेश करनी होगी, ताकि पता किया जा सके कि वह सोशल मीडिया से दूर रहा या नहीं। इसके अलावा पांच फलदार या छायादार पौधे भी लगाने होंगे और उनकी सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड लगाना होंगे। पौधों की ऊंचाई छह फीट से अधिक होनी चाहिए। यह आदेश न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने दिया।
छात्र हरेंद्र त्यागी के खिलाफ भिंड जिले के असवार थाने में मारपीट की गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर 24 जून 2020 को गिरफ्तार किया गया था। जेल में बंद रहने के दौरान उसने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की। याचिका में तर्क दिया कि वह कृषि विज्ञान का छात्र है। उसे केस में झूठा फंसाया गया है। उसके खिलाफ कोई साक्ष्य भी नहीं है। जेल में होने से उसकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अगर जमानत पर रिहा किया जाता है, तो जमानत की हर शर्त का पालन करेगा। शासकीय अधिवक्ता ने जमानत आवेदन का विरोध किया। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपित को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया, लेकिन सोशल मीडिया से दूर रहने और पौधे लगाने की शर्त लगाई। छात्र को घर पर रहकर पढ़ाई करना होगी।
हिंदी में लिखी शर्त
हाई कोर्ट ने अपना आदेश अंग्रेजी में लिखा है, लेकिन पौधे लगाने की शर्त हिंदी में लिखी है। पौधे लगाने के बाद एक महीने में फोटो सहित रिपोर्ट पेश करनी होगी। यह रिपोर्ट छह महीने तक देनी होगी। अगर पौधों की सुरक्षा में लापरवाही दिखती है, तो जमानत निरस्त कर दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि परीक्षण के तौर पर यह निर्देश दिए गए हैं, ताकि हिंसा व बुराई के विचार का प्रतिकार किया जा सके। दया, सेवा, प्रेम, करुणा की प्रकृति विकसित हो सके। यह मानव जीवन के असतित्व के लिए भी जरूरी है।
गुटखा को लेकर हुआ था विवाद
पांच मई 2020 को सुभाष त्यागी, हरेंद्र त्यागी, सुमित पाठक, देववृत त्यागी व नीलेश त्यागी ने असवार निवासी बनर्जी गुप्ता के साथ मारपीट की थी। गुटखा को लेकर हुए विवाद में बनर्जी गुप्ता को गंभीर चोटें आई थीं। बनर्जी की शिकायत पर असवार थाने में केस दर्ज किया गया था। अपर सत्र न्यायालय ने जमानत खारिज कर दी। हरेंद्र त्यागी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
पहले भी लगाई शर्तें
जस्टिस आनंद पाठक आरोपितों को जमानत देने में अनोखी शर्त लगाते हैं। पौधे लगाने, घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण कराने, पीएम केयर्स फंड में राशि जमा करने, अस्पताल में सेवाएं देने सहित अन्य शर्तें लगा चुके हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजेंद्र तिवारी ने कहा कि हरेंद्र त्यागी पढ़ने में अच्छा है, लेकिन गलत संगत के चलते उसने अपराध कर दिया। हाई कोर्ट ने उसे सोशल मीडिया से दूर रहने का आदेश दिया है, वह उसे सुधारने की दिशा में कदम है। वर्तमान में बच्चे मोबाइल पर ज्यादा समय बिताते हैं।