केंद्र की संपत्तियां कौड़ियों के मोल लुटा रही मध्य प्रदेश सरकार
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। मुंबई और ठाणे में केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली कई अरब की अचल संपत्तियां मध्य प्रदेश सरकार की एक कंपनी कौड़ियों के मोल लुटा रही है। संभवत: केंद्र सरकार को इसकी भनक तक नहीं है। दैनिक जागरण को सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली आधा दर्जन से अधिक बहुमंि
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। मुंबई और ठाणे में केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली कई अरब की अचल संपत्तियां मध्य प्रदेश सरकार की एक कंपनी कौड़ियों के मोल लुटा रही है। संभवत: केंद्र सरकार को इसकी भनक तक नहीं है।
दैनिक जागरण को सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली आधा दर्जन से अधिक बहुमंजिली इमारतें मुंबई में स्थित हैं। इसके अलावा पड़ोसी जनपद ठाणे के प्रमुख क्षेत्रों में करीब 250 एकड़ में फैले भूखंड भी हैं। मध्य प्रदेश सरकार के अधीन काम करने वाली प्रॉविडेंट इन्वेस्टमेंट कंपनी लि. इन संपत्तियों के विकास के अधिकार विभिन्न लीज होल्डरों को किराये पर देती आ रही है। लंबी अवधि के लिए लीज पर दिए गए इन भूखंडों पर अब तक कई बहुमंजिली इमारतें खड़ी हो चुकी हैं। जिनमें एक-एक फ्लैट की कीमत करोड़ों में है, लेकिन इन भूखंडों के किराये का एक भी रुपया केंद्र सरकार के किसी भी कोष में जमा होने की जानकारी उक्त कंपनी नहीं दे पा रही है। न ही केंद्र सरकार को अपनी इन अचल संपत्तियों से प्राप्त होने वाले किसी राजस्व की फिक्र है।
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वर्ष 2000 के बाद से उक्त 250 एकड़ में से करीब 60 एकड़ भूखंड पर विकास के अनापत्ति प्रमाणपत्र पीआइसीएल विभिन्न लीज होल्डरों को दे चुकी है। बाजार भाव पर इन भूखंडों की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। इनमें से 13 एकड़ पर एक भवननिर्माता ने आधा दर्जन से ज्यादा बहुमंजिली इमारतें खड़ी कर दी हैं। दो एकड़ के एक अन्य भूखंड पर दो अन्य इमारतें खड़ी हो गई हैं। ठाणे में ही येउर की सुरम्य पहाड़ियों पर 25 एकड़ भूखंड पर एक आलीशान क्लब चल रहा है। इन सभी व्यावसायिक गतिविधियों के लिए लीज पर दिए गए भूखंडों के बदले पीआइसीएल जो राशि वसूल कर रही है, वह इतनी कम है कि उसे नहीं के बराबर माना जा सकता है। यही नहीं इन अचल संपत्तियों को लंबी अवधि के लिए लीज पर देने से पहले पीआइसीएल ने केंद्र सरकार से न तो कोई लिखित अनुमति प्राप्त की है, न ही केंद्र के राजस्व में कोई धन जाता दिखाई दे रहा है।
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