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सड़कों का 'बायोडेटा' बनवा रही मध्य प्रदेश सरकार, मोबाइल एप पर मिलेगी सारी जानकारी

प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के अलावा अन्य एजेंसियां भी सड़क निर्माण और संधारण का काम करती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) बनाने और रखरखाव का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण करता है तो कुछ सड़कें लोनिवि और मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के अधीन भी हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 07:26 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 07:26 PM (IST)
लोक निर्माण विभाग तैयार करा रहा एप, सड़क बनाने वाले से लेकर रखरखाव करने वाली एजेंसी का रहेगा पूरा ब्योरा

भोपाल [वैभव श्रीधर]। मध्य प्रदेश में सड़कों पर नजर रखने के लिए शिवराज सरकार नवाचार करने जा रही है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ऐसा एप तैयार कर रहा है, जिसमें प्रत्येक सड़क की पूरी जानकारी रहेगी। एक क्लिक पर पता चल जाएगा कि सड़क का निर्माण कब हुआ, किसने बनाई, किस विभाग की है, कितनी लागत आई, गारंटी पीरियड कब तक है। इसका फायदा यह होगा कि जब भी मंत्री या अधिकारी दौरा करेंगे तो सड़क के खराब होने पर जानकारी जुटाने और संबंधितों के बारे में पड़ताल करने की मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। निर्माण एजेंसी के कर्ताधर्ताओं की जिम्मेदारी भी तय करने में समय नहीं लगेगा।

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प्रदेश में बनने वाली नई सड़कों के लिए भी यह प्रक्रिया होगी। प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के अलावा अन्य एजेंसियां भी सड़क निर्माण और संधारण का काम करती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) बनाने और रखरखाव का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण करता है तो कुछ सड़कें लोनिवि और मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के अधीन भी हैं। निगम कुछ मुख्य जिला मार्ग भी बनाकर संधारित कर रहा है। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि हमारी सरकार ने प्रदेश में सड़कों का जाल बुन दिया है। केंद्र और राज्य सरकार के बजट के अलावा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) की वित्तीय सहायता से सड़कें बनी हैं और निर्माण कार्य भी चल रहे हैं।

भार्गव ने बताया कि इनकी निगरानी के लिए जो मौजूदा व्यवस्था है, उसमें यदि कोई सड़क खराब है तो वह किसने बनाई है, उसकी लागत कितनी थी और गारंटी पीरियड कब तक है, यह पता लगाने में समय लग जाता है। हम ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहे हैं, जिसमें सड़कों को लेकर पूरी जानकारी मोबाइल एप पर होगी। जिस भी सड़क के बारे में जानकारी प्राप्त करनी होगी, वह एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएगी। इससे जिम्मेदारी भी तय होगी और निगरानी व्यवस्था भी सुदृढ़ हो जाएगी। एप तैयार करने के लिए विभाग को निर्देश दे दिए हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में इसी तरह की निगरानी की व्यवस्था है।


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