Madhya Pradesh : प्लाज्मा कांड में फंसे ब्लड बैंक संचालक को जेल भेजे जाने का डर दिखा ठगे 39 लाख, दो पर केस
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मिलावटी प्लाज्मा कांड में फंसे श्रीराधास्वामी ब्लड बैंक के संचालक कप्तान कुशवाह से 39 लाख रुपये की ठगी हो गई है। यह ठगी उसे जेल भेजे जाने का डर दिखाकर और बचाने का झांसा देकर की गई है।
ग्वालियर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मिलावटी प्लाज्मा कांड में फंसे श्रीराधास्वामी ब्लड बैंक के संचालक कप्तान कुशवाह से 39 लाख रुपये की ठगी हो गई है। यह ठगी उसे जेल भेजे जाने का डर दिखाकर और बचाने का झांसा देकर की गई है। दो आरोपितों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार रात धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। बताया जाता है कि आरोपित डा. विवेक चक्रवर्ती व देवेंद्र कोरी भी ब्लड बैंक से संबंधित काम ही करते हैं।
रुपए नहीं मिलने पर की पुलिस में शिकायत
कार्रवाई से बचने के लिए कप्तान ने एक माह पूर्व 39 लाख रुपये उनको दे दिए थे, लेकिन उसी दिन शाम को जिला प्रशासन कार्रवाई करने पहुंच गया। इसके बाद कप्तान ने आरोपितों से रुपये वापस मांगे। रुपये नहीं मिलने पर कप्तान ने एसपी से शिकायत कर दी। पुलिस ने इमरजेंसी ब्लड बैंक में कार्यरत देवेंद्र कोरी को हिरासत में ले लिया है। कैंसर अस्पताल के साथ ही इटावा (उत्तर प्रदेश) में निजी ब्लड बैंक संचालित करने वाले डा. विवेक चक्रवर्ती को पुलिस तलाश रही है।
ऐसे फंसाया था जाल में
प्लाज्मा कांड के मास्टमाइंड अजय त्यागी ने पुलिस को बताया था कि मिलावटी प्लाज्मा तैयार करने के लिए उसने रक्त श्रीराधास्वामी ब्लड बैंक से खरीदा था। इसके बाद पुलिस ने यहां काम करने वाले लैब टेक्नीशियन को गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई 13 दिसंबर को हुई थी। 14 दिसंबर को ही देवेंद्र कोरी ने कप्तान को बताया कि मेरे पास एक ऐसा व्यक्ति है, जो तुम्हें पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई से बचा सकता है।
ऐसे दिया झांसा
उसके बाद देवेंद्र, डा. विवेक चक्रवर्ती को लेकर उनके घर पहुंचा। दोनों ने उसको बताया कि तुम पर और तुम्हारे परिवार पर जिला प्रशासन ने रासुका के तहत कार्रवाई की तैयारी कर ली है। डा. विवेक चक्रवर्ती ने अपने मोबाइल में केंद्र सरकार से इस संबंध में आया एक कथित आदेश भी दिखाया। यह पत्र देखकर कप्तान को लगा कि इन लोगों की पहुंच ऊपर तक है और वे उसे बचा लेंगे।
70 लाख रुपये में मामला रफादफा कराने की बात
डा. विवेक चक्रवर्ती ने झांसा दिया था कि पूरा मामला 70 लाख रुपये में रफा-दफा करा दूंगा। हालांकि, सौदा 40 लाख रुपये में हुआ। 15 दिसंबर को कप्तान ने दोनों को 39 लाख रुपये थमा दिए। उसने सुबह नोटों से भरा बैग दिया था, लेकिन शाम को जिला प्रशासन कार्रवाई के लिए पहुंच गया।
एक महीने तक टरकाते रहे
कप्तान ने तत्काल देवेंद्र को फोन लगाया। देवेंद्र ने बताया कि डाक्टर साहब तो इटावा निकल गए। पैसा वापस करा दूंगा। इसके बाद एक महीने तक दोनों टरकाते रहे। गौरतलब है कि मिलावटी प्लाज्मा चढ़ाने से एक व्यक्ति की मौत होने के बाद इस मामले का पर्दाफाश हुआ था और पुलिस ने प्लाज्मा उपलब्ध करवाने वाले अजय त्यागी को गिरफ्तार कर लिया था।