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Lunar eclipse 2019 : गुरु पूर्णिमा पर इस बार चन्द्रग्रहण का साया, जानिए- क्या होगा इसका प्रभाव

16 जुलाई की देर रात 1.31 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा मध्य तीन बजे व मोक्ष रात 4.30 बजे होगा। संपूर्ण भारत में दृश्यमान खंड ग्रास चंद्र ग्रहण की पूर्ण अवधि दो घंटा 59 मिनट होगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 09 Jul 2019 06:46 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 10:38 PM (IST)
Lunar eclipse 2019 : गुरु पूर्णिमा पर इस बार चन्द्रग्रहण का साया, जानिए- क्या होगा इसका प्रभाव
Lunar eclipse 2019 : गुरु पूर्णिमा पर इस बार चन्द्रग्रहण का साया, जानिए- क्या होगा इसका प्रभाव

नई दिल्ली, जेएनएन। आषाढ़ पूर्णिमा पर 16 जुलाई को एक ओर देश गुरु पूर्णिमा मनाएगा तो देर रात चंद्रमा ग्रहण से जूझता नजर आएगा। इससे सूतक के कारण शाम के बाद गुरु पूजा के विधान प्रभावित होंगे। सावन के पहले दिन लग रहे ग्रहण के कारण खास कर शिव भक्तों के लिए बाबा के दर्शन का इंतजार बढ़ जाएगा।

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16 जुलाई की देर रात 1.31 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा, मध्य तीन बजे व मोक्ष रात 4.30 बजे होगा। संपूर्ण भारत में दृश्यमान खंड ग्रास चंद्र ग्रहण की पूर्ण अवधि दो घंटा 59 मिनट होगा। यह धनु राशि व उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होगा। भारत में चंद्रास्त 17 की भोर 5.25 बजे होगा।

नौ घंटे पहले लगेगा सूतक

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से नौ घंटे पहले लग जाता है। वहीं सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले लग जाता है। इस चंद्र ग्रहण का सूतक 16 जुलाई को दोपहर 1:31 बजे से शुरू हो जाएगा, जबकि इसकी समाप्ति 17 जुलाई की सुबह 4:31 मिनट पर होगी। सूतक काल में मंदिरों के पट बंद होने के साथ ही सिर्फ भगवान की भक्ति ही की जाएगी।

प्राकृतिक आपदा के संकेत

ज्योतिषियों के अनुसार खग्रास चंद्रग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन है। इस दिन मंगलवार है और उत्तर आषाढ़ नक्षत्र है। इस ग्रहण के चलते राजनीतिक उथल-पुथल, प्राकृतिक आपदा और भारतीय राजनीति में उतार-चढ़ाव की संभावना है। जिस तरह चंद्रमा के प्रभाव से समुद्र में ज्वारभाटा आता है, उसी प्रकार चंद्रग्रहण की वजह से मानव समुदाय प्रभावित होता है।

यहां दिखाई देगा ग्रहण

यह ग्रहण भारत और अन्य एशियाई देशों के साथ-साथ दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा।

इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

इस चंद्रग्रहण का प्रभाव विशेष रूप से भारतीय राजनीति पर पड़ सकता है। राजनीति से जुड़े वे लोग जिनकी राशि मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु व मकर है, उन्हें विशेष लाभ होने के आसार हैं। चूंकि यह चंद्रग्रहण मंगलवार और उत्तराषाढा नक्षत्र में पड़ रहा है तो इसके प्रभाव से राजनीतिक उथल-पुथल के साथ ही प्राकृतिक आपदा की स्थिति भी बन सकती है।

ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति

इस चंद्र ग्रहण के समय राहु और शनि चंद्रमा के साथ धनु राशि में स्थित रहेंगे। ग्रहों की ऐसी स्थिति होने के कारण ग्रहण का प्रभाव और भी अधिक नजर आएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि राहु और शुक्र सूर्य के साथ रहेंगे। साथ ही चार विपरीत ग्रह शुक्र, शनि, राहु और केतु के घेरे में सूर्य रहेगा। इस स्थिति में मंगल नीच का हो जाएगा। ग्रहण के समय ग्रहों की ये स्थिति तनाव बढ़ाने वाला साबित होगा। ऐसे में प्राकृतिक आपदाएं आने की आशंका रहेगी।

किस राशि पर क्या होगा असर

-मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि पर चन्द्रग्रहण का अच्छा असर पड़ेगा।

-मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि पर ठीक प्रभाव नहीं रहेगा।

-वृषभ, कर्क, धनु और कन्या पर चन्द्रग्रहण का प्रभाव मिश्रित रहेगा।

क्या करें गर्भवती महिलाएं

गर्भवती को ग्रहण में घर के अंदर ही रहना चाहिए। ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है इसलिए घर में मंत्रोच्चारण करना ठीक रहता है।

दिसंबर में पूरे भारत में दिखेगा सूर्यग्रहण

वहीं 26 दिसंबर को सूर्यग्रहण का स्पर्श, मोक्ष मूल नक्षत्र और धनु राशि में हो रहा है। यह ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। साथ साथ रशिया, ऑस्ट्रेलिया और सोलोमन द्वीप में भी नजर आएगा।


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