Move to Jagran APP

कोरोना की दूसरी लहर से 1.5 लाख करोड़ का नुकसान, मई के तीसरे सप्ताह में संक्रमण पीक पर पहुंचने का अनुमान

कोरोना की दूसरी लहर के चलते 10 राज्यों में लाॅकडाउन जैसी स्थिति से अर्थव्यवस्था को चालू वित्त वर्ष में अब तक 149970 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। यह जीडीपी के 0.7 फीसद के बराबर है। मई के तीसरे सप्ताह में संक्रमण पीक पर पहुंचने का जताया अनुमान।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 10:38 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 10:38 PM (IST)
एसबीआइ ने मई के तीसरे सप्ताह में संक्रमण पीक पर पहुंचने का जताया अनुमान।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के चलते 10 राज्यों में लाॅकडाउन जैसी स्थिति से अर्थव्यवस्था को चालू वित्त वर्ष में अब तक 1,49,970 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। यह जीडीपी के 0.7 फीसद के बराबर है। नुकसान का यह अनुमान एसबीआइ ने लगाया है।

loksabha election banner

चालू वित्त वर्ष के लिए 11 फीसद की विकास दर अनुमान को 10.4 फीसद किया

एसबीआइ ने 2021-22 के लिए विकास दर अनुमान को भी कम कर दिया है। एसबीआइ ने पहले 11 फीसद विकास दर का अनुमान दिया था, जिसे अब 10.4 फीसद कर दिया गया है।

एसबीआइ ने मई के तीसरे सप्ताह में संक्रमण पीक पर पहुंचने का जताया अनुमान

एसबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में मई के तीसरे सप्ताह में कोरोना की दूसरी लहर के पीक पहुंचने का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक टीकाकरण से ही कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व की 2.6 फीसद आबादी का पूरा टीकाकरण हो चुका है, लेकिन भारत में अभी सिर्फ 1.2 फीसद आबादी का ही पूरा टीकाकरण हो पाया है।

नुकसान में आधे से अधिक हिस्सेदारी महाराष्ट्र की

एसबीआइ के मुताबिक, लाॅकडाउन जैसी स्थिति से होने वाले नुकसान में 80 फीसद हिस्सेदारी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान की है। इनमें 54 फीसद हिस्सेदारी अकेले महाराष्ट्र की है। एसबीआइ का मानना है कि जब रिकवरी दर गिरकर 78-79 फीसद पर आ जाती है, तब लहर का पीक होता है। फरवरी मध्य से दूसरी लहर शुरू हुई और तब रिकवरी दर 97.3 फीसद थी जो फिलहाल 85 फीसद पर है। 15 फरवरी से दूसरी लहर की शुरुआत मानने पर पीक पर पहुंचने में 96 दिन लगेंगे, जो मई का तीसरा सप्ताह होगा।

15 फीसद आबादी का पूरा टीकाकरण होने पर संक्रमण की दर हो जाएगी स्थिर

हालांकि एसबीआइ का मानना है 15 फीसद आबादी का पूरा टीकाकरण होने पर संक्रमण की दर स्थिर हो जाएगी और इस साल दिसंबर तक भारत की 15 फीसद आबादी के पूर्ण टीकाकरण का काम पूरा हो सकता है। इस साल दिसंबर तक देश की 84 फीसद आबादी टीके का पहला डोज ले सकती है। ऐसा तब संभव है कि जब भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट इस जुलाई तक अपनी उत्पादन क्षमता को क्रमश: 1.2 करोड़ और 11 करोड़ प्रतिमाह तक ले जाने में सफल होते हैं और मई से रूसी टीका स्पुतनिक-वी का आयात शुरू हो जाता है।

राज्यों के स्वास्थ्य बजट का 15-20 फीसद कोरोना पर खर्च करना पड़ेगा

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना से प्रभावित 13 राज्यों की आधी आबादी के टीकाकरण का खर्च अगर राज्य सरकारें उठाती हैं, तो भी उन राज्यों के स्वास्थ्य बजट का 15-20 फीसद ही इस पर खर्च करना पड़ेगा, जो देश की जीडीपी का मात्र 0.1 फीसद होगा। यह लाॅकडाउन के कारण अब तक हो चुके नुकसान से बहुत कम है।

राज्यों को हुआ नुकसान

महाराष्ट्र ------   81672 करोड़

मध्य प्रदेश ---- 21712 करोड़

राजस्थान ----- 17237 करोड़

छत्तीसगढ़ ------ 7347 करोड़

बिहार --------   6222 करोड़

दिल्ली ------     5178 करोड़

पंजाब ------    4994 करोड़

झारखंड -----  2768 करोड़

उड़ीसा ----    1927 करोड़

उत्तराखंड ---- 914 करोड़।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.