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सबरीमाला में उमड़े श्रद्धालु, 70 हजार ने किए दर्शन, पहले दिन का राजस्व 3.28 करोड़ के पार

पिछले साल की तुलना में इस साल शबरीमाला मंदिर को 3.28 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हो चुका है जो इसी अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में 1.28 करोड़ रुपये अधिक है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 05:42 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 05:50 PM (IST)
सबरीमाला में उमड़े श्रद्धालु, 70 हजार ने किए दर्शन, पहले दिन का राजस्व 3.28 करोड़ के पार
सबरीमाला में उमड़े श्रद्धालु, 70 हजार ने किए दर्शन, पहले दिन का राजस्व 3.28 करोड़ के पार

सबरीमाला, एजेंसियां। सबरीमाला के भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। सोमवार तड़के भी मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में मंदिर को सोमवार सुबह तक 3.28 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हो चुका था जो इसी अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में 1.28 करोड़ रुपये अधिक है।

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पुलिस ने बताया कि 16 नवंबर की शाम को मंदिर के कपाट खुलने के बाद से 70 हजार से ज्यादा श्रद्धालु भगवान अयप्पा के दर्शन कर चुके हैं। श्रद्धालु अपर्याप्त सुविधाओं की शिकायत तो कर रहे हैं, लेकिन वे इस बात से खुश हैं कि पिछली बार की तरह इस बार उन पर प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं।

पिछले साल 28 सितंबर के सुप्रीम कोर्ट के सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने के फैसले के बाद श्रद्धालुओं पर एहतियातन कई तरह के प्रतिबंध लगा दी गए थे। एक श्रद्धालु ने कहा कि वह बहुत खुश है क्योंकि यहां माहौल बिल्कुल शांत है। रविवार को मंदिर परिसर क्षेत्र में तेज बारिश भी हुई, लेकिन श्रद्धालु भीगने के बावजूद संयम और शांतिपूर्वक कतारों में खड़े रहे।

इस बीच, श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के साथ-साथ मंदिर के राजस्व में भी वृद्धि हो रही है। राजस्व का मुख्य स्त्रोत भगवान को चढ़ाई जाने वाली भेंट और प्रसाद की बिक्री है। केरल के दक्षिणी जिलों के अधिकांश मंदिरों का प्रबंधन संभालने वाले त्रवानकोर देवस्वम् बोर्ड (टीडीबी) के नए अध्यक्ष एन. वसु ने सोमवार को बताया कि मंदिर के पहले दिन का संग्रह पिछले साल ही नहीं, बल्कि 2017 में हुए संग्रह को भी पार कर गया है। 

गौरतलब है कि केरल की वाममोर्चा सरकार ने भी साफ कर दिया है कि इस बार वो सबरीमाला मंदिर को आंदोलन का अखाड़ा नहीं बनने देगी। केरल के कानून मंत्री एके बालन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 सितंबर के अपने फैसले पर भले ही रोक नहीं लगाई है, लेकिन मामले को सुनवाई के लिए बड़ी पीठ के पास भेज दिया है। इस तरह से देखा जाए तो कानूनन इस पर स्वत: स्टे की तरह रोक लग गई है। 


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