यौन उत्पीड़न की शिकार नन की रूह कंपा देने वाली दास्तां, भारत में लंबी है ये फेहरिस्त
मैं उससे चार दशक छोटी थी। एक रात, पादरी पड़ोस की पार्टी में गया था। इस पार्टी से वह देर रात 9:30 बजे के बाद वापस आया, और उसने मेरे कमरे में दस्तक दी।
नई दिल्ली, एपी। भारत में चर्च के कमरों में ननों के साथ दुष्कर्म का लंबा इतिहास रहा है। हालांकि ननों के यौन शोषण की खबरें खुलकर सामने नहीं आ पाती हैं। आमतौर पर जो खबरें सामने आती हैं, उनमें उससे काफी कम सुनने को मिलता है, जिसकी चर्चा होती है। नन खुलकर अपने साथ हुए यौन शोषण को बयां नहीं करती हैं। लेकिन एपी की रिसर्च में सामने आया है कि सालों से नन चर्च में यौन शोषण का शिकार होती रही हैं।
भारत में किसी चर्च के पादरी द्वारा जब किसी नन का यौन शोषण किया जाता है या फिर किसी नन को कोई पादरी बिस्तर पर जबरदस्ती ले जाता है, तो नन कहती हैं कि पादरी ने उन्हें गलत तरीके से छुआ और चूमा। दरअसल, नन चर्च के पादरी को ईसा मसीह का प्रतिनिधि मानते हैं। यौन उत्पीड़ का शिकार एक नन ने अपनी कहानी की शुरुआत में कहा- 'वह नशे में था।' वहीं दूसरी नन ने कहा- आपको नहीं पता कि न कैसे कहना है। चर्च में नन लगातार यौन शोषण का शिकार हो रही है, लेकिन इसे रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
द वेटिकन को लंबे समय से एशिया, यूरोप, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में पादरियों और बिशपों द्वारा यौन उत्पीड़न के बारे में पता है, लेकिन इसे रोकने के लिए बहुत कम काम किया है, द एसोसिएटेड प्रेस ने पिछले साल रिपोर्ट किया था। अब एपी ने भारत जैसे देशों में ननों की स्थिति की जांच की और चर्च के भीतर यौन शोषण के दशकों पुराने इतिहास को उजागर किया। ननों ने पादरियों से यौन दबाव के बारे में विस्तार से वर्णन किया और लगभग दो दर्जन अन्य लोगों- नन, पूर्व नन और पुजारियों और अन्य ने कहा कि उन्हें ऐसी घटनाओं का प्रत्यक्ष ज्ञान था।
फिर भी भारत में चर्च में ननों से दुष्कर्म का पैमाना अस्पष्ट बना हुआ है, जो मौन की एक शक्तिशाली संस्कृति से भरा हुआ है। कई नन का मानना है कि दुर्व्यवहार आम बात है। इस दौरान यह भी पता चला कि ज्यादातर नन कम से कम एक पुजारी की यौन शोषण के बारे में बता सकती हैं। हालांकि कुछ का मानना है कि यह दुर्लभ बात है। वहीं अधिकांश केवल उसी स्थिति पर बोलती हैं, जिसकी पहचान नहीं की गई है।
लेकिन पिछले साल एक भारतीय नन ने इस मुद्दे को खुलकर सामने रखने की हिम्मत दिखाई। 8 जुलाई, 2018 को केरल में एक चर्च के चार पुजारियों पर एक विवाहित महिला ने सालों से कथित यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल करने का आरोप लगा। महिला ने आरोप लगाया कि 16 साल की उम्र से लेकर उनकी शादी करने तक एक पादरी ने उनका यौन उत्पीड़न किया। इसने भारतीय चर्च में कन्फेशन की पवित्रता के दुरुपयोग पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। मामला यही खत्म नहीं होता है शादी के बाद जब उस महिला ने यह बात चर्च के एक दूसरे पादरी के सामने कन्फ़ेस की तो उस पादरी ने भी कथित तौर पर उस महिला का यौन उत्पीड़न किया। इतना ही नहीं जब पूरी तरह से निराश होकर यह महिला जब पादरी-काउंसलर के पास गई, तो वहां भी उस महिला के साथ कथित दुर्व्यवहार हुआ।
10 अगस्त, 2018 ऐसा ही एक और मामला पंजाब के जालंधर के रोमन कैथोलिक चर्च के बिशप द्वारा एक नन के साथ कथित दुष्कर्म का मामला सामने आया। जालंधर के ये पादरी केरल के कोट्टायम ज़िले से थे, जहां की एक नन ने उन पर कथिततौर पर यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाया था। नन का आरोप है कि बिशप ने उसका 14 बार यौन शोषण किया है। पीडि़त नन केरल की रहने वाली है और बीते दिनों इस चर्च के अंतर्गत एक संस्था में काम कर रही थी।
वर्ष 2017 में पटना में एक पादरी को रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पटना सिटी के रहने वाले चर्च के पादरी चंद्र कुमार पर दो महिलाओं ने बलात्कार करने का आरोप लगाया था। एक समाज सेवी की पहल पर पीड़िता ने महिला थाने में केस दर्ज कराया था। पादरी चंद्र कुमार पर आरोप है कि वह कई महिलाओं का धर्म परिवर्तन करा कर उनका यौन शोषण किया करता था। ऐसी दो महिलाएं जिनका बदला हुआ नाम गुडिया और रेशमा है, जिन्हें पिछले 6 महीनों से वो अपनी हवस का शिकार बना रहा था। किसी तरह ये पीड़ित महिलाएं एक समाजसेवी के. अर्चना राय के पास पहुंची तब जाकर मामला पुलिस में दर्ज किया गया।
असोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में ननों के यौन शोषण की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे यह बात साफ होती है कि यह एक वैश्विक समस्या है। चर्च में फादर, ब्रदर और सिस्टर्स की जो हेरारकी है, उसमें नन (सिस्टर) निचले पायदान पर हैं, जिसके कारण उन्हें पुरुषों के अधीन काम करना पड़ता है और यह उनके शोषण की सबसे बड़ी वजह है।
बता दें कि पिन्सिलवेनिया सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अगस्त में कैथलिक चर्च के पादरियों द्वारा किए गए यौन शोषण पर ग्रैंड ज्यूरी रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 300 से ज्यादा पादरियों ने बीते 70 सालों में एक हजार से ज्यादा बच्चों का यौन शोषण किया। यही नहीं, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चर्चों ने पादरियों के इन गुनाहों पर पर्दा डालने की कोशिश की। स्टेट अटॉर्नी जनरल जोश शैपिरो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि रिपोर्ट में 1000 से ज्यादा पीड़ितों की पहचान की गई है, लेकिन ग्रैंड जूरी को विश्वास है कि यह संख्या और ज्यादा है। 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' के मुताबिक, अमेरिका के कैथलिक चर्चों में यौन शोषण पर यह अब तक की सबसे बड़ी जांच रिपोर्ट है। 18 महीने तक यह जांच चली और 1400 पन्नों की रिपोर्ट तैयार हुई।
एक महिला की दर्द भरी दास्तां...
एपी ने चर्च में ननों पर होने वाली यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर एक महिला से बात की। ये महिला एक पादरी के हाथों यौन उत्पीड़न का शिकार हो चुकी हैं। वह आज भी उस घटना को याद करके कांप जाती हैं। उन्होंने बताया, 'वह अपने 60 के दशक में था। मैं उससे चार दशक छोटी थी। एक रात, पादरी पड़ोस की पार्टी में गया था। इस पार्टी से वह देर रात 9:30 बजे के बाद वापस आया, और उसने मेरे कमरे में दस्तक दी। वह बोला- मुझे आपसे मिलना है। मैं आपसे आध्यात्मिक जीवन पर चर्चा करना चाहते हैं। पादरी ने शराब पी हुई थी, उसके मुंह से गंध आ रही थी। मैं घर गई और उनसे कहा कि आप अपने पैरों पर खड़े भी नहीं पा रहे हैं। इसलिए मैं आपसे मिलने के लिए तैयार नहीं हूं। लेकिन पादरी ने जबरदस्ती दरवाजा खोला। उसने मुझे चूमने की कोशिश की। वह मेरे शरीर को पकड़ रहा था, जहां से भी वह पकड़ पा रहा था। लेकिन मैंने रोते हुए दरवाजे को बंद करने के लिए उसे काफी पीछे धकेल दिया। महिला कहती हैं कि यह बलात्कार नहीं था। लेकिन वह जानती है कि यह कितना बुरा हो सकता था। दशकों बाद भी वह इस घटना को नहीं भुला पाई हैं। इस घटना को याद कर वह कुछ क्षणों के लिए एक डरी हुई जवान लड़की की तरह दिखती है। यह इतना भयानक अनुभव था।