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लोकसभा में प्रश्नोत्तर : सरकार ने बताया- शीर्ष संस्थानों के 122 विद्यार्थियों ने की आत्महत्या, रैगिंग की 2,790 शिकायतें

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा को बताया कि वर्ष 2014 से 2021 के बीच देश के विभिन्न आइआइटी आइआइएम और अन्य केंद्रीय संस्थानों के कुल 122 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की। यही नहीं 2018 से उच्च शिक्षा के संस्थानों में रैगिंग की 2700 से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 20 Dec 2021 07:32 PM (IST)Updated: Mon, 20 Dec 2021 07:42 PM (IST)
लोकसभा में प्रश्नोत्तर : सरकार ने बताया- शीर्ष संस्थानों के 122 विद्यार्थियों ने की आत्महत्या, रैगिंग की 2,790 शिकायतें
साल 2018 से उच्च शिक्षा के संस्थानों में रैगिंग की 2,700 से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई हैं।

नई दिल्ली, पीटीआइ। वर्ष 2014 से 2021 के बीच देश के विभिन्न आइआइटी, आइआइएम और अन्य केंद्रीय संस्थानों के कुल 122 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की। देश के शीर्ष संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों की आत्महत्या के पीछे विभिन्न कारण थे। यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा को दी है। जिन छात्रों ने आत्महत्या की उनमें से 24 अनुसूचित जाति से संबंधित थे, तीन जनजाति के थे, 41 पिछड़ी जातियों से संबंधित थे और तीन अल्पसंख्यक समुदायों के थे। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले सबसे ज्यादा 37 छात्रों ने आत्महत्या की।

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उच्च शिक्षा के संस्थानों में रैगिंग की 2,700 शिकायतें

2018 से उच्च शिक्षा के संस्थानों में रैगिंग की 2,700 से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से करीब 1,300 मामलों में शामिल छात्रों और अन्य लोगों को दंडित किया गया है। लोकसभा में यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2018 से अभी तक कुल 2,790 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। राज्य मंत्री ने बताया कि रैगिंग के दोषी पाए गए 620 छात्रों को संस्थान से निलंबित किया गया, जबकि बाकी पर अलग-अलग तरह की कार्रवाई की गई।

सामाजिक कार्यों पर खर्च किए एक लाख करोड़

निजी क्षेत्र की कंपनियों ने बीते सात साल में स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीबी उन्मूलन वाले कार्यो पर 1.09 लाख करोड़ रुपये खर्च किए। कंपनियों ने कंपनीज एक्ट 2013 के प्रविधान के तहत यह खर्च किया। कार्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। इस कानूनी प्रविधान के तहत लाभ में चलने वाली कंपनियों को अपने तीन साल के औसत लाभ का करीब दो प्रतिशत धन कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी वाले कार्यो पर खर्च करना होता है।

विकसित हो रहा एमसीए 21 का तीसरा संस्करण

कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय से संबंधित एमसीए 21 पोर्टल के तीसरे संस्करण को विकसित करने का कार्य जारी है। इस संस्करण में लीवरेज एनालिटिक्स, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निग के कार्य होंगे। लोकसभा में यह जानकारी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने दी है। एमसीए 21 ऐसा प्लेटफार्म है जिसमें कंपनियां एलएलपी एक्ट के अंतर्गत आने वाले अपने दस्तावेजों को समिट कर सकेंगी। यहीं से लोग कंपनी से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। एमसीए 21 का तीसरा संस्करण आंकड़ों को बेहतर और तेज गति से प्रस्तुत करेगा। 


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