महाराष्ट्र से पलटे टिड्डी दल ने एमपी के बालाघाट में दी दस्तक, मुरैना व निवाड़ी जिलों में भी पहुंचाया नुकसान
जिले के कृषि उपसंचालक सीआर गौर ने बताया कि टिड्डी दल एक दिन से ज्यादा एक जिले की सीमा में नहीं रुहता है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच टिड्डी दल का नया खौफ पैदा हो गया है। बुधवार को महाराष्ट्र की ओरु रवाना हुए एक दल ने पलटकर प्रदेश के महाकोशल अंचल के बालाघाट जिले में दस्तक दी और फसलों को नुकसान पहुंचाया। उधर टिड्डियों के एक अन्य समूह ने राज्य के मुरैना व निवाड़ी जिलों में हमलाकर फसलें चट कीं।
गुरुवार सुबह टिड्डी दल ने महाराष्ट्र की तुमसर तहसील से मप्र की सीमा में स्थित चिचोली गांव से बालाघाट में प्रवेश किया। यहां पूर्व तैयारियों को लेकर मुस्तैद प्रशासन ने सायरन,ढोल, थाली और टीन के पीपे बजाकर और फायर ब्रिगेड से कीटनाशक का छिड़काव कर टिड्डी दल को खदेड़ा गया।
चिचोली समेत कुम्हली, कटोरी, भंडारबोड़ी, लालपुर, होते हुए टिड्डी दल मिरुगपुर तक पहुंचा। उन्होंने करुीब 50 एकड़ की सब्जी की फसल को नुकसान पहुंचाया। जिले के कृषि उपसंचालक सीआर गौर ने बताया कि टिड्डी दल एक दिन से ज्यादा एक जिले की सीमा में नहीं रुहता है। बालाघाट में भी यह न ठहरे इसके लिए जतन किए जा रहे हैं। जिले में कई स्थानों पर वह दो घंटे से ज्यादा नहीं टिक सका।
मुरैना औरु निवाड़ी में हमला, रात में प्रशासन ने कराया स्प्रे
उधर, मुरैना जिले के कैलारस के आधा दर्जन से अधिक गांवों में गुरुवार को भी टिड्डी दल का हमला जारी रहा। बुधवार रात को पेड़ों पर बैठने के बाद प्रशासन ने दवा का छिड़काव तो कराया, लेकिन संख्या अधिक होने से टिड्डियां पूरी तरह से खत्म नहीं हुई। कमोबेश यही हाल टीकमगढ़ से अलग हुए निवाड़ी जिले का है। टिड्डी दल ने गांवों में लगी कई फसलों सहित पेड़ों को भारी क्षति पहुंचाई है।
राजस्थान हाई कोर्ट ने पूछा-क्या कर रही सरकार
जयपुर टिड्डियों के हमले का मामला राजस्थान हाई कोर्ट भी पहुंच चुका है। गुरुवार को हाई कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने पूछा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय, डायरेक्टोरेट ऑफ प्लांट प्रोटेक्शन और राज्य का कृषि विभाग प्रदेश में टिड्डियों के प्रसार को रोकने के लिए बनाई गई आपात योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए क्या कर रहे हैं।
अधिवक्ता विजय पूनिया की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने ये नोटिस जारी किए। याचिका में कहा गया कि टिड्डियों के प्रसार को रोकने के लिए यूएनओ ने गाइडलाइन बना रखी है। टिड्डियों पर वाहनों से रसायन के छिड़काव करने से रोकथाम नहीं होने पर हवाई छिड़काव भी करने का प्रावधान है।
कृषि मंत्रालय के अधीन आने वाले पौध संरक्षण निदेशालय ने इसके लिए आपात योजना भी बनाई थी। इसके तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कार्य निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए अलग से बजट का भी प्रावधान किया गया है, लेकिन योजना के तहत काम नहीं करने से टिड्डियों ने प्रदेश के कई जिलों में पूरी फसल को ही बर्बाद कर दिया है।
याचिका में गुहार की गई है कि इस योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जाए और प्रभावितों को क्षतिपूर्ति दिलाई जाए। राजस्थान में यहां हमले गुरूवार को टिड्डियों ने राजस्थान के बाडमेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, नागौर और दौसा जिलों में हमले किए। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक सुवालाल जाट ने बताया कि जहां टिड्डी दल देखे गए हैं, वहां नियंत्रण की कार्रवाई की जा रही है।