Locust Attack: एनजीटी ने खारिज की टिड्डियों से निपटने के लिए आकस्मिक योजना लागू करने की मांग
Locust Attack एनजीटी ने कहा कि अभी तक ऐसा देखने को नहीं मिला है कि संबंधित अधिकरण उचित कदम नहीं उठा रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने टिड्डियों की समस्या से निपटने के लिए केंद्र के आकस्मिक योजना पर अमल की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। एनजीटी ने कहा कि अभी तक ऐसा देखने को नहीं मिला है कि संबंधित अधिकरण उचित कदम नहीं उठा रहे हैं। एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इसी तरह की याचिका जून में भी दायर की गई थी।
इस याचिका में सिर्फ यही कहा गया है कि उसकी चिंता की अनदेखी की गई। पीठ ने यह भी कहा कि आकस्मिक योजना पर पहले से ही अमल हो रहा है। पीठ ने कहा कि यह सबके सामने है कि टिड्डियों की समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। कुछ राज्यों को ड्रोन व हेलीकॉप्टर भी मुहैया कराए गए हैं और भी कई कदम उठाए गए हैं। याचिका दाखिल करने वाला यह साबित नहीं कर पाया है कि अब तक उठाए गए कदम किस लिहाज से अपर्याप्त हैं। बिना किसी आधार के इस याचिका को स्वीकार करने का कोई कारण नहीं है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि टिड्डियों पर हवा से कीटनाशकों के छिड़काव के काम को तेज कर दिया गया है। इसके लिए भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बेल) के हेलीकॉप्टर के साथ ही वायु सेना के एमआइ-17 हेलीकॉप्टर को भी लगाया गया है। देखते ही देखते फसलों को चट कर देने वाली टिड्डियों से निपटने के लिए ड्रोन का पहले से ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की तीन जुलाई की चेतावनी के बाद यह कदम उठाया गया है। एफएओ ने कहा था कि भारत को अगले तीन से चार हफ्ते तक अत्यधिक सतर्क रहना होगा, क्योंकि इस दौरान टिड्डियां प्रजनन जारी रखेंगी।
सरकार ने एक बयान में कहा कि सात जुलाई को टिड्डियों के दलों को राजस्थान के बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, नागौर, अजमेर, सीकर और जयपुर जिलों और मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ और उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में देखा गया।