Locust Attack: अब देश में फसलों का दुश्मन बना पाकिस्तान से आया टिड्डी दल
पाकिस्तान में फसलों को चट करने के बाद अब टिड्डियों का दल देश में फसलों का दुश्मन बन गया है। अलग-अलग राज्यों में टिड्डी दल फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
नई दिल्ली। पाकिस्तान में हजारों एकड़ फसल को नुकसान पहुंचाने के बाद अब टिड्डी दल देश में फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। कई राज्यों में हजारों की संख्या में टिड्डी दल फसलों को चट कर जा रहे हैं। जिन प्रदेशों में टिड्डियों का दल पहुंच रहा है वहां खेतों में खड़ी हजारों एकड़ फसल खराब हो जा रही है।
पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में फसलों को तबाह करने के बाद टिड्डियों का दल सोमवार को राजस्थान के जयपुर पहुंच गया है। टिड्डियों का एक बडा झुंड जयपुर के परकोटा क्षेत्र में बड़ी चैपड़ और आस-पास के इलाकों और कई अन्य क्षेत्रों में देखा गया। टिड्डियों के दल को देखने के बाद लोग अपनी फसलों को बचाने में लग जाते हैं कुछ लोग पारंपरिक चीजों का इस्तेमाल करते हुए इनको भगाने की कोशिश भी करने लगते हैं।
जानिए क्या है टिड्डी दल का इतिहास
टिड्डी की एक प्रजाति रेगिस्तानी टिड्डा सामान्यत: सुनसान इलाकों में पाया जाता है। ये एक अंडे से पैदा होकर पंखों वाले टिड्डे में तब्दील हो जाते है, लेकिन कभी-कभी रेगिस्तानी टिड्डा खतरनाक रूप ले लेता है। जब हरे-भरे घास के मैदानों पर कई सारे रेगिस्तानी टिड्डे इकट्ठे होते हैं तो ये निर्जन स्थानों में रहने वाले सामान्य कीट-पतंगों की तरह व्यवहार नहीं करते बल्कि एक साथ मिलकर भयानक रूप अख्तियार कर लेते हैं।
आसमान में उड़ते हुए इन टिड्डी दलों में दस अरब टिड्डे हो सकते हैं। टिड्डी दल का ये झुंड एक दिन में 200 किलोमीटर का रास्ता तय कर सकता हैं। एक दिन में टिड्डों के ये झुंड अपने खाने और प्रजनन के मकसद से इतने बड़े क्षेत्र में लगी फसल को चट कर जाता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के मुताबिक एक औसत टिड्डी दल एक बार में 2500 लोगों का पेट भरने लायक अनाज को चट कर सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार टिड्डी कीट का आकार 2 से 2.5 इंच का होता है। यह 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक दिन में 200 किलोमीटर तक उड़ने की क्षमता रखता है।
यह लाखों करोड़ों की संख्या में झुंड के रूप में 3 से 5 किलोमीटर में एक साथ उड़ते हैं। ये जहां से गुजरते हैं वहां बादल की तरह अंधेरा छा जाता है और लगभग 15 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैल जाता है। टिड्डी अपने वजन से अधिक भोजन खाती है। हरी पत्तियां एवं उस पर लगे फूल, फसल के बीज आदि टिड्डी के पसंदीदा हैं।
सोमवार को लगभग 28 साल बाद टिड्डी दल ने जयपुर जिले में प्रवेश किया। इससे पहले 1993 में टिड्डियों ने जयपुर जिले में फसलों को नुकसान पहुंचाया था। राजस्थान में नुकसान पहुंचाने के बाद टिड्डी दल मध्य प्रदेश की तरफ बढ़ गया है। इनके उत्तर प्रदेश के आगरा सहित कई शहरों में पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर प्रशासन ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है।
अधिकारियों के मुतबिक, पाकिस्तान से टिड्डियों का दल राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश में प्रवेश कर चुका है। इससे कपास की फसल और सब्जियों को भारी नुकसान का अंदेशा है। राजस्थान सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। इस साल टिड्डियों का दल जल्दी आया है। आम तौर पर ये जून-जुलाई में आता है।
हवा के रुख के कारण इतना अंदर तक आ गया टिड्डी दल
अधिकारियों का कहना है कि हवा के रुख के कारण इस बार टिड्डी दल देश में इतने अंदर तक आ गए हैं। इनपर नियंत्रण की कोशिश की जा रही है। राजस्थान के बाद ये टिड्डी दल यूपी में कई जिलों में पहुंच रहा है। इसमें मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, आगरा, लखीमपुर खीरी, मेरठ, बदायूं, प्रतापगढ़, शाहजहांपुर, झांसी, बुंदेलखंड, फिरोजाबाद जैसे अन्य राज्य शामिल हैं।
कई राज्य इन टिड्डी दलों से निपटने के लिए पहले ही तैयारी कर रहे हैं। कृषि अधिकारियों का कहना है कि टिड्डी दल शाम को नहीं उड़ता है उस समय वो जमीन पर बैठ जाता है, उसी वक्त उस पर कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जा सकता है जिससे वो मर जाएं।