सीरो-सर्वे के लिए एंटीबॉडी डिटेक्शन किट की सूची जारी, बिना लक्षण वाले लोग भी होंगे शामिल
आइसीएमआर ने अभी तक अहमदाबाद स्थित जाइडस कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा विकसित किटों के तीन बैचों को मंजूरी प्रदान की है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने सीरो-सर्वे (ब्लड सीरम टेस्ट) में इस्तेमाल के लिए IgG ELISA किटों की वैध सूची जारी कर दी है। इस सर्वे के जरिये यह पता लगाया जाएगा कि किस अनुपात में आबादी कोविड-19 से संक्रमित हुई है। इनमें बिना लक्षण वाले लोग भी शामिल होंगे।
कोरोना वायरस के लिए IgG ELISA किट पहली स्वदेशी एंटीबॉडी डिटेक्शन किट हैं। आइसीएमआर ने अभी तक अहमदाबाद स्थित जाइडस कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा विकसित किटों के तीन बैचों को मंजूरी प्रदान की है। इसके अलावा अमेरिका की यूरोइमम यूएस इंक और कैलबायोटेक इंक द्वारा निर्मित किटों के एक-एक बैच को भी आइसीएमआर ने मंजूरी प्रदान की है। परिषद ने उनके बैच नंबर का यह कहते हुए उल्लेख किया है कि बैच दर बैच की निरंतरता की जिम्मेदारी उत्पादक की होगी। परिषद का कहना है कि संक्रमण के सीरो प्रसार के आधार पर बीमारी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जरूरी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को अमल में लाया जा सकता है।
देश में अब तक कोरोना के 40 लाख से ज्यादा लिए गए सैंपल
वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए अब तक 40 लाख से ज्यादा सैंपल की जांच की गई है। इसमें से दो लाख से ज्यादा सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआ) के अधिकारियों ने बताया कि तीन जून की सुबह नौ बजे तक 41,03,233 सैंपल की जांच की गई। इसमें से 1,37,158 नमूनों की जांच पिछले चौबीस घंटे में हुई है।
सूत्रों ने बताया कि कुल 688 प्रयोगशालाओं (480 सरकारी और 208 निजी प्रयोगशाला) के साथ देश में कोरोना जांच की क्षमता प्रतिदिन 1.40 लाख हो गई है। रोजाना जांच क्षमता बढ़ाकर दो लाख की जाएगी। मंत्रालय के मुताबिक स्वस्थ होने की दर बढ़कर 48.31 फीसद हो गई है, जबकि मृत्युदर घटकर 2.80 प्रतिशत पर आ गई है।