तेंदुए को आजीवन झेलना पड़ेगा सिर में धंसे 46 छर्रो का दर्द, इंदौर के नयापुर में शिकारियों ने मारी थी गोली
तेंदुआ जुलाई में इंदौर के नयापुर में जख्मी मिला था। इसके बाद उसे वन विहार में रखा गया है। तेंदुए के सिर में 10 जुलाई से छर्रे धंसे हैं। छर्रो ने तंत्रिका तंत्र को बहुत नुकसान पहुंचाया है इसी वजह से उसकी आंखों की रोशनी चली गई है।
भोपाल, जेएनएन। आंखों की रोशनी गंवा चुका तेंदुआ, सिर में धंसे 46 छर्रो के दर्द से आजीवन नहीं उबर सकेगा। उसे अंतिम सांस तक इसे झेलना पड़ेगा। इंदौर, हैदराबाद और जबलपुर के वन्यप्राणी विशेषज्ञों ने उसका ऑपरेशन करने से मना कर दिया है। साथ में सलाह दी है कि जितने भी दिन वह जिंदा रहे उसकी अच्छी खातिरदारी हो, अच्छी डाइट दी जाए।
तेंदुआ जुलाई में इंदौर के नयापुर में जख्मी मिला था। इसके बाद उसे वन विहार में रखा गया है। तेंदुए के सिर में 10 जुलाई से छर्रे धंसे हैं। छर्रो ने तंत्रिका तंत्र (सिर का प्रमुख हिस्सा) को बहुत नुकसान पहुंचाया है, इसी वजह से उसकी आंखों की रोशनी चली गई है। अब सर्जरी करके उसके मस्तिष्क को खोलना और छर्रे निकालना आसान नहीं है। ऐसा करने से उसकी जान भी जा सकती है। वेटनरी कॉलेज महू, स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ एंड हेल्थ जबलपुर और हैदराबाद के वन्यप्राणी विशेषज्ञों से तेंदुए की सर्जरी करने की सलाह मांगी थी।
तेंदुए के साथ कब, क्या हुआ
-10 जुलाई 2020 को इंदौर के नयापुर में वह जख्मी मिला था।
- 21 सितंबर 2020 को उसे इंदौर से भोपाल लाया गया, जहां राज्य पशु चिकित्सालय में सीटी स्कैन किया था। तब पता चला था कि उसके सिर में छर्रे धंसे हैं। उसी दिन उसे इंदौर भेज दिया गया।
-10 अक्टूबर 2020 को उसे दोबारा इंदौर से भोपाल लाकर वन विहार नेशनल पार्क में अलग हाउसिंग में रखा गया।
ऑपरेशन करने से मस्तिष्क तंत्र को पहुंच सकता है नुकसान
भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क के डायरेक्टर कमलिका मोहंता ने कहा कि तेंदुए के सिर में छर्रे धंसे हैं। उनकी वजह से उसके मस्तिष्क तंत्र को नुकसान पहुंचने की बात वन्यप्राणी विशेषज्ञों व विभाग ने कही है। ऑपरेशन करने से मना कर दिया है। ऑपरेशन में उसकी जान को खतरा हो सकता है, इसलिए उसकी बेहतर देखरेख कर रहे हैं।