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बच्चों की पढ़ाई में आड़े आ रही थी 3 इडियट्स की रैंचो वॉल, स्कूल ने उठाया ये कदम

स्कूल प्रबंधन के मुताबिक, यह दीवार छात्रों का ध्यान भटकने का कारण बनती जा रही है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 10:31 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 10:31 PM (IST)
बच्चों की पढ़ाई में आड़े आ रही थी 3 इडियट्स की रैंचो वॉल, स्कूल ने उठाया ये कदम
बच्चों की पढ़ाई में आड़े आ रही थी 3 इडियट्स की रैंचो वॉल, स्कूल ने उठाया ये कदम

श्रीनगर [राज्य ब्यूरो]। बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता आमिर खान की फिल्म थ्री इडियट्स के साथ सुर्खियों में आए द्रुक पद्मा कार्पो स्कूल लेह ने रैंचो वॉल को गिराने और स्कूल परिसर में पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। स्कूल प्रबंधन के मुताबिक, यह दीवार छात्रों का ध्यान भटकने का कारण बनती जा रही है।

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गौरतलब है कि द्रुक पद्मा कार्पो एजूकेशन सोसायटी की ओर से स्थापित इस स्कूल में थ्री इडियट्स के कई दृश्य फिल्माए गए हैं। फिल्म में इस स्कूल की एक दीवार का दृश्य था, जिसमें चतुर रामालिंगम नामक किरदार पेशाब कर रहा है और स्कूली बच्चों के एक स्वदेशी आविष्कार की वजह से उसे बिजली का झटका लगता है।

स्कूल प्रबंधन ने बाद में इस दीवार को रैंचो वॉल के तौर पर पेंट कर दिया था। फिल्म में आमिर खान द्वारा निभाए गए किरदार का नाम फुनसुख वांगड़ु और रैंचो था। फिल्म हिट होने के बाद यह दीवार लेह आने वाले पर्यटकों में लोकप्रिय हो गई। जो भी लेह आता, वह इस दीवार के पास खड़े होकर अपनी तस्वीर जरूर खिंचवाता।
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स्कूल प्रिंसिपल स्टेंजिन कुनजेंग ने बताया कि फिल्म के हिट होने के साथ ही हमारे स्कूल का भी प्रचार हुआ। लेह आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक दर्शनीय स्थल बन गया। यहां भीड़ बढ़ने लगी और हमने महसूस किया कि इस इलाके में हमने जिस मकसद से स्कूल स्थापित किया है, वह पूरा नहीं हो रहा है। पर्यटकों के कारण जहां छात्रों का ध्यान बंट रहा है, वहीं स्कूल परिसर में पर्यटक गंदगी भी फैलाते हैं।

कुनजेंग ने बताया कि लद्दाख के प्रमुख आध्यात्मिक गुरु 12वें ग्यालवांग द्रकुपा की शिक्षाओं से प्रभावित होकर वर्ष 1998 में यह स्कूल स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य लद्दाख के बच्चों को आधुनिक शिक्षा मुहैया कराना था-ऐसी शिक्षा जो उनकी संस्कृति से उन्हें जोड़े और खुशहाल जिंदगी जीने के लिए तैयार कर सके। वर्ष 2010 में लेह में आई विनाशकारी बाढ़ में यह स्कूल तबाह हो गया था, लेकिन जल्द ही इसे ठीक कर लिया गया।

उन्होंने बताया कि इस स्कूल ने अपनी वास्तुकला, हरित पट्टियां और पर्यावरण अनुकूल इमारत और सर्वश्रेष्ठ वास्तुकारी का भी सम्मान प्राप्त किया है। इस समय स्कूल में 719 छात्र हैं, जिनमें से 281 हॉस्टल में रहते हैं।

स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि फिल्म में जो कुछ दिखाया गया है, वह सब यहां नहीं होता। हालांकि, हम प्रोजेक्ट और रचनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित करते हैं। हमने पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पहले स्कूल के समय में उनके प्रवेश को बंद और सीमित करने का प्रयास किया, लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हुआ।


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