LCH Prachand: रात में भी दुश्मनों पर प्रहार करेगा हेलीकॉप्टर 'प्रचंड', सियाचिन में दे सकेगा दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब
भारतीय सेना को बड़ी कामयाबी मिली है। हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड ने सोमवार को पहली बार सफलतापूर्वक 70 मिमी रॉकेट दागे हैं। प्रचंड से रॉकेट और बुर्ज गन की दिन और रात के समय फायरिंग की गई। प्रचंड विभिन्न हथियार प्रणालियों से लैस है।
एजेंसी, नई दिल्ली। सेना के हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) 'प्रचंड' ने सोमवार को पहली बार सफलतापूर्वक 70 मिमी रॉकेट दागे। असम के लिकाबाली के पास फायरिंग रेंज में 'प्रचंड' से रॉकेट और बुर्ज गन की दिन और रात के समय फायरिंग की गई।
सेना ने एक्स पर पोस्ट किया कि हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर एलसीएच 'प्रचंड' की 70 मिमी रॉकेट और 20 मिमी बुर्ज गन की फायरिंग को दिन और रात दोनों में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। आर्मी एविएशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एके सूरी ने लड़ाकू हेलीकॉप्टर से की गई फायरिंग देखी।
The inaugural firing of 70mm rocket and 20mm turret guns of Light Combat Helicopter #LCH Prachand, was successfully executed, both by day & night. Lt Gen AK Suri, DG Army Aviation witnessed the firing from the leading helicopter of the three attack helicopter formation for… pic.twitter.com/FGPZNHf5FT— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) October 30, 2023
एलसीएच 'प्रचंड' की खासियत
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एलसीएच 'प्रचंड' विभिन्न हथियार प्रणालियों से लैस है। यह ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के टैंक, बंकर, ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है। हेलीकॉप्टर में आधुनिक विशेषताएं, मजबूत कवच सुरक्षा और रात्रि में भी हमले की क्षमता है। यह दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में भी काम करने में पूरी तरह सक्षम है।
पिछले साल थल और वायुसेना में शामिल
इसका उपयोग धीमी गति से चलने वाले विमानों और दूर से संचालित विमानों (आरपीए) के खिलाफ भी किया जा सकता है। एलसीएच 'प्रचंड' को पिछले साल थलसेना और वायुसेना में शामिल किया गया था।
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