तकनीकी कारणों से रोकी गई चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग, वैज्ञानिकों ने बताया सही कदम, जल्द नई तारीख की घोषणा
इसरो ने मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को फिलहाल तकनीकी कारणों से टाल दिया है। देश के तमाम वैज्ञानिकों ने इसरो के इस कदम को सही बताया है। लॉन्चिंग की नई तारीख का जल्द एलान होगा।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत के बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग को तकनीकी कारणों से फिलहाल रोक दिया गया है। चंद्रयान-2 सोमवार तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर उड़ान भरने वाला था, लेकिन तय उड़ान से 56 मिनट 24 सेकेंड पहले तकनीकी खराबी की वजह से इसकी लॉन्चिंग को टाल कर दिया गया। लॉन्चिंग की नई तारीख की घोषणा अब बाद में की जाएगी। मिशन को रोके जाने के कुछ देर बाद इसरो की ओर से बयान जारी किया गया। इसरो के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (पीआरओ) गुरुप्रसाद ने बताया, ' लॉन्च व्हीकल सिस्टम में लॉन्चिंग से करीब एक घंटे पहले तकनीकी खराबी आ गई। इस कारण एहतियान आज चंद्रयान 2 मिशन की लॉन्चिंग को टाल दिया गया है। लॉन्चिंग की नई तारीख की घोषणा अब बाद में की जाएगी।'
देश की वैज्ञानिक बिरादरी ने इसरो के इस कदम को बिल्कुल सही बताया है। तमाम वैज्ञानिकों की ओर से इसको लेकर बयान सामने आए हैं। इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के पूर्व निदेशक जी बालाचंद्रन ने चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को टाले जाने पर कहा है कि यह बहुत सामान्य बात है। उनके मुताबिक अगर चंद्रयान में कोई भी खराबी तो इसे मिशन पर ऐसे ही नहीं भेज सकते। चंद्रयान-2 पर 1000 करोड़ से ज्यादा का खर्च हुआ है। अब ये वैज्ञानिकों के विश्लेषण पर छोड़ देना चाहिए कि क्या इसमें कोई साधारण परेशानी है या कोई जटिल समस्य़ा।
G Balachandran, Former Director, Institute for Defence Studies&Analyses on #Chandrayaan2 called off due to technical snag: It's normal. If there're anomalies, you just can’t send it off. Mission cost is over Rs.100 cr. It may be a simple thing or complex thing, they'll analyze it pic.twitter.com/S8rNfWVoIC— ANI (@ANI) July 15, 2019
लॉन्चिंग को बंद करना सही निर्णय
चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को टाले जाने को डीआरडीओ के सार्वजनिक इंटरफेस के पूर्व निदेशक रवि गुप्ता ने सही कदम बताया है। उनके मुताबिक, चंद्रयान 2 लॉन्च को बंद करना सही निर्णय था। उनके मुताबिक, इतने बड़े मिशन में हम कोई मौका नहीं ले सकते थे। हर हिस्से की कई दौर की टेस्टिंग की जाती है। मिशन के हर पहलू पर हर सेकेंड नजर रखने की जरूरत है।
Ravi Gupta, Former Director Public Interface DRDO: It was the right decision to call off #Chandrayaan2 launch. We could not have taken any chance in such a big mission. Several rounds of testing are performed of every part. Every movement needs to be monitored at every second. pic.twitter.com/08UyWOzj5D— ANI (@ANI) July 15, 2019
वैज्ञानिक फैसला, निराश ना हो
अंतरिक्ष वैज्ञानिक गौहर रजा ने कहा है कि यह वैज्ञानिक फैसला है, इसमें निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। यह 70 साल के अनुभव का नतीजा है कि तय समय पर खराबी को पकड़ लिया गया। अन्यथा ऐसे रॉकेट व यान का प्रक्षेपण किसी बम से कम नहीं होता है। गड़बड़ी को समय रहते पकड़ना भी बहुत बड़ी बात है। वैज्ञानिक जल्द ही देश को मिशन रोकने की विधिवत जानकारी देंगे। करीब एक माह का वक्त मिशन दोबारा लांच करने में लग सकता है। उन्होंने बताया कि यान में यदि ईधन का लीकेज हो रहा है तो उसे दुरस्त करना होगा। एक माह तक यान में ईधन को भर कर नहीं रखा जा सकता है।
'इसरो ने सही फैसला लिया'
वैज्ञानिकों का कहना है कि इसरो ने सही समय पर उपयुक्त फैसला किया है। चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की नई तारीख का जल्द एलान किया जाएगा। इसरो ने अभी औपचारिक बयान दिया है। वह जल्द ही विस्तृत बयान जारी कर खराबी के बारे में जानकारी देगा। चूंकि संसद का सत्र चल रहा है, इसलिए सरकार की ओर से भी सोमवार को विधिवत बयान देकर देश को मिशन टालने की जानकारी दी जा सकती है।
इससे पहले सोमवार को रात 1 बज कर 54 मिनट और 36 सेकंड पर चंद्रयान 2 मिशन का काउंटडाउन रोक दिया गया। जिस वक्त मिशन का काउंटडाउन रोका गया उस समय मिशन के लिए सिर्फ 56 मिनट 24 सेकेंड बाकी थे। चंद्रयान-2 सोमवार तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर उड़ान भरने वाला था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग को तकनीकी खराबी की वजह से रोक दिया गया।
चांद पर यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा भारत
Chandrayaan2 की लांचिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन प्रक्षेपण केंद्र से होगी। अभियान की सफलता के साथ ही चांद पर यान उतारने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस अपने यान चांद पर उतार चुके हैं। भारत ने 2008 में चंद्रयान-1 भेजा था, जिसने 10 माह तक चांद की परिक्रमा करते हुए प्रयोगों को अंजाम दिया था। चांद पर पानी की खोज का श्रेय इसी अभियान को जाता है। इसरो प्रमुख (ISRO chairperson) डॉ. के सिवन (Dr K. Sivan) ने बताया कि इस मिशन की सारी प्रक्रियाएं सुचारू रूप से जारी हैं।