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देश की जनता के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खोला था राष्ट्रपति भवन: शर्मिष्ठा

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बताया कि उनके पिता दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन का हिस्सा देश की जनता के लिए खोल दिया था। उन्होंने वहां बिताए पलों को समेटते हुए एक किताब लिखी जिसका विमोचन पिछले माह किया गया था।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 04:15 PM (IST)Updated: Mon, 15 Feb 2021 04:15 PM (IST)
देश की जनता के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खोला था  राष्ट्रपति भवन: शर्मिष्ठा
शर्मिष्ठा ने पिता प्रणब को कुछ यूं किया याद

नई दिल्ली, एएनआइ। दिवंगत पूर्व  राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ( Late President Pranab Mukherjee) की बेटी व अर्थशास्त्री शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में पिता के साथ बिताए दिनों को सम्मान व ऐतिहासिक पल बताते हुए कहा कि भवन का बड़ा हिस्सा देश की जनता के लिए पूर्व राष्ट्रपति ने ही खुलवाया। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी   की नवीनतम किताब 'द प्रेसिडेंशियल इयर्स: 2012-17 (The Presidential Years: 2012-17)' किताब आ गई है। उन्होंने यह पुस्तक पिछले साल अपने निधन से पहले लिखी थी। 

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इस किताब के लिए आयोजित एक वर्चुअल सेशन में पैनलिस्ट ब्रिटिश राजनेता व अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, अर्थशास्त्री व पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सुपुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी शामिल हुई। इस मौके पर शर्मिष्ठा ने राष्ट्रपति भवन में पिता के साथ बिताए अपने दिनों को याद किया। उन्होंने बताया, 'राष्ट्रपति भवन में दिन गुजारने वाले 13 वें परिवार होने का सम्मान और अवसर हमें मिला। मेरे पिता का प्यार इतिहास था और उनके लिए राष्ट्रपति भवन का हरेक कोने में इतिहास था। उनके लिए यहां का हरेक पत्थर एक कहानी बयां करता था। इसलिए उन्होंने सबसे पहला काम वहां मौजूद कला और बेशकीमती पुस्तकालय को कागजों में समेटने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने विभिन्न इतिहासकारों से संपर्क किया और उनसे बात की। 

शर्मिष्ठा ने आगे बताया, 'दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन का बड़ा हिस्सा देश की जनता के लिए खोल दिया। साथ ही आर्टिस्ट रेसिडेंशियल सेंटर की शुरुआत की जिससे यह और अधिक  लोगों के आकर्षण का केंद्र बना। इसके कारण शिक्षाविद, कलाकार, लेखक, वैज्ञानिक व युवाओं को यहां बुलाना आसान हो गया और वे यहां आकर भवन में मौजूद कला व इतिहास को समझ सकें।'  लंदन से इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले मेघनाद देसाई ने बताया, 2014 में भाजपा का आना बड़ा राजनीतिक भूचाल था। प्रणब मुखर्जी का करियर 48 सालों का रहा ओर जब वे राष्ट्रपति बने  उन्हें इस बात की जानकारी थी कि सरकार कैसे कमा करती है, वे इस मामले में हर विषय में एक्सपर्ट थे।'


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