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Lata Mangeshkar Birthday: सुर कोकिला के दीवाने ने घर में बनवाया लता मंगेशकर हॉल, जानें क्‍या है खासियत

रामदास अग्रवाल बताते हैं- मैं जब छोटा था तब मां लताजी के गीत गुनगुनाती थीं। सुबह से रात तक जब भी मां को समय मिलता वे पुराने गीत ही गाती थीं। लताजी के गानों में ऐसी कशिश है कि जब तक उनके गीत नहीं सुन लेता मुझे नींद नहीं आती।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 06:15 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 06:15 AM (IST)
Lata Mangeshkar Birthday:  सुर कोकिला के दीवाने ने घर में बनवाया लता मंगेशकर हॉल, जानें क्‍या है खासियत
स्‍वर कोकिला लता मंगेशकर की फाइल फोटो।

श्रवण शर्मा, रायपुर। स्‍वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के दुनिया में करोड़ों प्रशंसक हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रामदास अग्रवाल नाम का लताजी का एक ऐसा दीवाना है, जिसने अपने घर में एक बड़े हॉल का निर्माण करवाकर उसे लता मंगेशकर हॉल नाम दिया है। हॉल में हर सप्ताह सुरों की महफिल सजती है। यहां गीतों के शौकीन जुटते हैं। उभरते गायक-गायिकाओं की आवाज को निखारने के लिए रियाज करवाया जाता है और टिप्स देकर उन्हें काबिल बनाया जाता है। 

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गार्डन में लताजी की आकर्षक प्रतिमा भी स्थापित कराई 

इस शख्स ने घर से दो किलोमीटर दूर भाठागांव में दो एकड़ जमीन खरीदकर वहां गार्डन बनवाया और उसका नाम भी लता मंगेशकर गार्डन रख दिया। गार्डन में लताजी की आकर्षक प्रतिमा भी स्थापित करवाई है। वे लताजी को देवी की तरह मानते हैं और गार्डन में जाते हैं तो प्रतिमा को प्रणाम करते हैं। जन्म दिवस पर शुभकामना देने को जाते थे मुंबई पुरानी बस्ती निवासी रामदास अग्रवाल का नाम संगीत रसिक गर्व से लेते हैं। संगीत में रचि रखने वाला शायद ही कोई होगा, जो उन्हें न जानता हो। 

एक बड़ा हॉल लता मंगेशकर के नाम पर बनवाया

वे लताजी के जन्म दिवस पर पिछले कई सालों से मुंबई जाकर शुभकामनाएं देते रहे। इस साल कोरोना के चलते न जा पाने का उन्हें मलाल है। परिवार के साथ घर पर ही लताजी का जन्म दिवस मनाएंगे।

मां से मिली प्रेरणा

रामदास अग्रवाल बताते हैं- मैं जब छोटा था तब मां हमेशा लताजी के गीत गुनगुनाती थीं। सुबह से रात तक जब भी मां को समय मिलता, वे पुराने गीत ही गाती थीं।

धीरे-धीरे मुझे भी शौक लगा। लताजी के गानों में ऐसी कशिश है कि जब तक उनके गीत नहीं सुन लेता, मुझे नींद नहीं आती। मां की प्रेरणा से ही जब मैंने 15 साल पहले अपना घर बनवाया, तब एक बड़ा हॉल लता मंगेशकर के नाम पर बनवाया। उस वक्त शहर में ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां गानों के शौकीन जुट सकें। ऐसे सभी लोगों को मैंने आमंत्रित किया और अब हर सप्ताह महफिल सजती है।


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