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कुंडली और तंजावुर एनआइएफटी को मिलेगा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा

कैबिनेट के इस फैसले को मूर्त रूप देने के लिए जल्द ही संसद में विधेयक लाया जाएगा।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 07:53 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 07:53 AM (IST)
कुंडली और तंजावुर एनआइएफटी को मिलेगा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा
कुंडली और तंजावुर एनआइएफटी को मिलेगा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को हरियाणा के कुंडली और तमिलनाडु के तंजावुर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ फूड टेक्नोलॉजी (एनआइएफटी) को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने का फैसला किया। इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि इस कदम से ये संस्थान ज्यादा पेशेवर बनेंगे, उनका तेजी से विकास होगा और गुणवत्ता सुधरेगी। कैबिनेट के इस फैसले को मूर्त रूप देने के लिए जल्द ही संसद में विधेयक लाया जाएगा। जावडेकर ने बताया, प्रस्तावित संशोधन में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि इनका चेयरमैन क्षेत्र का कोई विशेषज्ञ होगा।

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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा के कुंडली और तमिलनाडु के तंजावुर स्थित राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान को विशेष दर्जा प्रदान किया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन (निफ्टम) विधेयक, 2019 में संशोधनों को मंजूरी दी गयी है। मंत्री ने कहा कि इस कदम से इन संस्थानों को विदेशी खाद्य संस्थानों के साथ सहयोग करने और शिक्षा के स्तर में सुधार करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्रीय कानूनों को समवर्ती सूची में रखने को भी मंजूरी दी। गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने का निर्णय किया था।

सरोगेसी विनियमन विधेयक को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए सरोगेसी विनियमन विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। संसद की एक समिति ने सिफारिश की थी कि इसमें ‘केवल करीबी संबंधी’ शब्द ही नहीं, बल्कि ‘महिला जिसके लिये किराये की कोख देना चाहे’, को भी शामिल करें। राज्यसभा की 23 सदस्यीय प्रवर समिति ने सरोगेसी विनियमन विधेयक 2019 में 15 महत्वपूर्ण बदलाव किये।


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