मायावती ने पूछा आज तक क्यों नहीं हुई राजा भैया की गिरफ्तारी?
प्रतापगढ़ के बलीपुर में डीएसपी जियाउल हक की हत्या के बाद पुलिस द्वारा दर्ज कराई एफआइआर में न राजा भैया का नाम है और न ही उनके आसपास के किसी बंदे का। यह डीएसपी की विधवा परवीन आजाद की एफआइआर से एकदम उलट है। इसने प्रदेश पुलिस की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इलाहाबाद [एल एन त्रिपाठी]। प्रतापगढ़ के बलीपुर में डीएसपी जियाउल हक की हत्या के बाद पुलिस द्वारा दर्ज कराई एफआइआर में न राजा भैया का नाम है और न ही उनके आसपास के किसी बंदे का। यह डीएसपी की विधवा परवीन आजाद की एफआइआर से एकदम उलट है। इसने प्रदेश पुलिस की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इधर बुधवार को राज्य सभा में बसपा ने डीएसपी मर्डर केस पर काफी हंगामा किया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी सरकार पर आरोपी पूर्व मंत्री रघुराज सिंह को बचाने का आरोप लगाया है। मायावती ने यूपी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आज तक राजा भैया की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?
कानून के जानकारों की मानें तो यह एफआइआर आरोपियों के लिए मददगार साबित हो सकती है। विश्व की सबसे बड़ी फोर्स मानी जाने वाली यूपी पुलिस अब काफी कमजोर नजर आने लगी है। कुंडा में डीएसपी जिया उल हक की हत्या के 72 घंटे बाद भी यह फोर्स अपने शहीद अधिकारी की न तो पिस्टल ढूंढ़ पाई और न गोली। उनका मोबाइल, घटना के गवाह और दो को छोड़ कर सारे आरोपी अब तक उसकी पकड़ से बाहर हैं। इतना ही नहीं, इस पुलिस फोर्स के आला अधिकारियों की नीयत पर भी अब सवाल उठने लगे हैं।
डीएसपी हत्याकांड के बाद हथिगवां के थानाध्यक्ष मनोज शुक्ला ने अपनी ओर से अपने थाने में एक एफआइआर दर्ज कराई है। इसमें उन्होंने डीएसपी की हत्या कर उसकी पिस्टल लूटने और पुलिस टीम पर हमला करने, बलवा करने आदि की धाराएं लगाई हैं। इस एफआइआर में दस से अधिक नामजद व सैकड़ों अज्ञात के नाम हैं पर प्रदेश के पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया या उनके किसी भी नजदीकी का नाम इसमें नहीं है। एफआइआर दर्ज करने के घंटों बाद डीएसपी की विधवा परवीन आजाद की तहरीर पर दूसरी एफआइआर दर्ज की गई है। इसमें राजा भैया व उनके करीबियों के नाम हैं।
पुलिस के अधिकारी राजा भैया के ड्राइवर गुड्डू सिंह को जब प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद हुई सारी घटनाओं का मुख्य कर्ताधर्ता बता रहे हैं, तब गुड्डू का नाम पुलिस की एफआइआर से बाहर होना एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। गुड्डू के गिरफ्तार भाई राजीव को खुद मृत प्रधान के परिवार वालों ने प्रधान की हत्या का आरोपी बताया है। इतना ही नहीं, प्रधान के छोटे भाई सुरेश की हत्या में गुड्डू को साजिशकर्ता बताया गया है। इससे साफ है कि गुड्डू घटना स्थल पर था। ऐसे में पुलिस की अपनी एफआइआर में गुड्डू का नाम गायब होना बड़े सवाल खड़े कर रहा है। वैसे पुलिस पर सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जिस क्षेत्र में यह घटना घटी, उसके किसी भी बंदे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दोषी पुलिस वाले होंगे बर्खास्त: आजम
जागरण ब्यूरो, लखनऊ। संसदीय कार्यमंत्री मुहम्मद आजम खां ने मंगलवार को विधानसभा में शहीद डीएसपी जिया उल हक की पत्नी का मांग पत्र दिखाते हुए उस पर हुई कार्रवाई का हवाला दिया। उन्होंने कहा, 'कानूनी प्रक्रिया अपनाकर घटना के दोषी पुलिस वालों को बर्खास्त भी किया जाएगा। इस मामले में राजनीति से हटकर मानवता के आधार सरकार ने जो कार्रवाई की है, वह काबिले तारीफ है।' नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा मंगलवार को भी विधानसभा में कुंडा कांड को उठाए जाने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा लोकतंत्र में भरोसा है। शहीद डीएसपी के देवरिया स्थित घर जाने का सदन में जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी तो दुख बांटने के लिए घर-परिवार में जाते ही हैं अगर आपकी मुख्यमंत्री [मायावती] होतीं तो क्या करतीं?
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