कृष्ण जन्माष्टमी : ग्वालियर के गोपाल मंदिर में करोड़ों के जेवरात से हुआ राधा-कृष्ण का श्रृंगार
श्रृंगार सिर्फ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन ही किया जाता है। इसके बाद इन सभी जेवरातों को पुलिस सुरक्षा के बीच बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखवा दिया जाता है।
ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। सिंधिया राजपरिवार द्वारा बनवाए गए ग्वालियर के गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर राधा-कृष्ण का करोड़ों रुपये के जेवरात से श्रृंगार किया गया। इसके बाद पुजारी व भक्तों ने पूजा अर्चना कर आरती की। बुधवार सुबह 10.30 बजे गोपाल मंदिर व्यवस्थापन से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी बैंक के लॉकर से बेशकीमती जेवरात को निकालकर लाए। इसके बाद पुलिस सुरक्षा के बीच पंड़ितों व कर्मचारियों ने बक्से से निकालकर इनसे भगवान राधा-कृष्ण का श्रृंगार किया।
भक्तों को नहीं दिया प्रवेश
कोरोना महामारी के कारण इस साल भक्तों को गोपाल मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया। मंदिर के बाहर ही एलईडी टीवी लगाई गई थीं। यहीं से भक्तों ने भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
इन जेवरों से होता है श्रृंगार
-राधा-कृष्ण का श्रृंगार करोड़ों रुपए के जेवरातों से किया जाता है। इनमें सफेद मोती वाला पंचगढी हार, जिसकी कीमत वर्ष 2007 में आठ लाख रपये आंकी गई थी।
-इसी प्रकार सात लड़ी हार, जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने जड़े हुए हैं। इसकी कीमत लगभग 20 से 25 लाख रपये आंकी गई थी।
-इसी प्रकार सोने के तोड़े, सोने का मुकुट जिनकी कीमत 80 लाख रुपये है।
-राधाजी का ऐतिहासिक मुकुट है जिसमें पुखराज और माणिक जणित पंख है तथा बीच में पन्ना लगा हुआ है।
-तीन किलो कीमत के इस मुकुट की कीमत 2007 में पांच करोड रुपये आंकी गई थी। 16 ग्राम पन्ने की कीमत 25 लाख रुपये है।
-राधा-कृष्ण के नकसिक श्रृंगार के लिए 25 लाख रुपये के जेवरात हैं, जिसमें श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कंठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि शामिल हैं। 80 लाख रुपये के बर्तनों में भोग भगवान के भोजन आदि के लिए प्राचीन बर्तनों की सफाई कर भगवान का भोग लगाया गया। इनकी कीमत 80 लाख रुपये है। इनमें भगवान की समई, इत्रदान, पिचकारी, धूपदान, चलनी, सांकडी, छत्र, मुकुट, गिलास, कटोरी, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि सामग्री हैं।
सारे आभूषणों का मूल्य 50 करोड़ होने का अनुमान
राधा-कृष्ण के इन आभूषणों का कभी आधिकारिक तौर पर मूल्यांकन नहीं करवाया गया है, लेकिन 2007 में एक ज्वैलर ने अनौपचारिक रूप से उक्त अनुमान लगाते हुए बताया था कि इनकी कुल कीमत करीब 50 करोड़ रुपये होगी। मंदिर के पुजारी तो इन्हें अनमोल मानते हैं।
सिर्फ जन्माष्टमी पर श्रृंगार
गोपाल मंदिर में भगवान का श्रृंगार सिर्फ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन ही किया जाता है। इसके बाद इन सभी जेवरातों को पुलिस सुरक्षा के बीच बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखवा दिया जाता है।