Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    जानिए क्या होता है ब्लू फ्लैग, क्या हैं इसके पैमाने, ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट मिलने से क्या होगा फायदा

    By Vinay TiwariEdited By:
    Updated: Sat, 19 Sep 2020 05:47 PM (IST)

    समुद्र तटों को पर्यावरण हितैषी बनाने के लिये ब्लू फ्लैग कार्यक्रम को फ्रांस के पेरिस से शुरू किया गया था और लगभग दो साल के भीतर ही काफी समुद्र तटों को इस तमगे से नवाजा दिया गया।

    जानिए क्या होता है ब्लू फ्लैग, क्या हैं इसके पैमाने, ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट मिलने से क्या होगा फायदा

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दुनिया के कई देशों में समुद्री बीच लोगों के लिए खासे आकर्षण का केंद्र है। हर साल बड़े पैमाने पर लोग ऐसी जगहों पर घूमने के लिए जाते हैं। समुद्र किनारे मौज मस्ती करते हैं। समुद्र तटों को पर्यावरण हितैषी बनाने के लिये ब्लू फ्लैग कार्यक्रम को फ्रांस के पेरिस से शुरू किया गया था और लगभग दो साल के भीतर ही यूरोप के क़रीब सारे समुद्र तटों को इस तमगे से नवाज दिया गया। अब देश के भी कई समुद्र तटों को इस तमगे से नवाजा जाना है। इसके लिए पर्यावरण मंत्री की ओर से उनके नाम भेज दिए गए हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत के कई समुद्री तट दुनिया में सर्वश्रेष्ठ 

    केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि साफ-सुथरे समुद्री तट तटीय क्षेत्रों में अच्छे वातावरण की निशानी हैं और भारत के कई समुद्री तट दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं। उन्होंने 'इंटरनेशनल कोस्टल क्लीन-अप डे' (International Coastal Clean-up Day)के मौके पर कहा था कि पहली बार आठ भारतीय समुद्री तटों को प्रतिष्ठित 'ब्लू फ्लैग' सर्टिफिकेट देने के लिए नाम भेजे गए हैं। 'इंटरनेशनल कोस्टल क्लीन-अप डे दिवस 1986 से दुनिया के करीब 100 देशों में मनाया जाता है। ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट डेनमार्क की एक संस्था द्वारा दिया जाता है। पर्यावरण मंत्रालय ने भारत में ‘ब्लू फ्लैग बीच’ के मानकों के मुताबिक समुद्र तटों को विकसित करने का पायलट प्रॉजेक्ट दिसंबर 2017 में शुरू किया था।

    सर्टिफिकेट देने के लिए प्रमुख आधार

    ब्लू फ्लैग दुनिया का सबसे मान्यता प्राप्त व प्रतिष्ठित स्वैच्छिक इको लेबल अवार्ड है जो समुद्र तटों, मरीना बीच और sustainable boating tourism operators को दिया जाता है। FEE (फाउंडेशन फॉर इन्वायरमेन्ट एजुकेशन ) ने 1985 में फ्रांस के पेरिस से ब्लू फ्लैग प्रोजेक्ट का प्रारंभ किया। किसी भी देश के समुद्री तट को ये सर्टिफिकेट देने के लिए आधार निर्धारित किए गए हैं। ऐसे लगभग 33 स्टैंडर्ड हैं जिन्हें ब्लू फ्लैग प्रमाणन के लिए पूरा किया जाना आवश्यक है। 

    क्या है प्रमुख स्टैंडर्ड  

    किसी भी देश के समुद्र किनारे बीच को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट देने के लिए वैसे तो कुल 33 स्टैंडर्ड तय किए गए हैं मगर उनमें से कुछ प्रमुख है। इन प्रमुख स्टैंडर्ड को पूरा करने के बाद ही बाकी को ध्यान में रखा जाता है। इसमें सबसे पहले पानी की गुणवत्ता के कुछ मानक होना, अपशिष्ट निपटान की सुविधा होना, प्राथमिक चिकित्सा उपकरण होना और पालतू जानवरों का तट पर प्रतिबंधित होना जैसे स्टैंडर्ड शामिल हैं। इनमें से कुछ मानदंड स्वैच्छिक हैं और कुछ अनिवार्य हैं। 

    भारत के बीच एशिया के सबसे खूबसूरत बीचों में से एक

    जापान और दक्षिण कोरिया एशिया के एकमात्र देश हैं जिनके पास ब्लू फ्लैग प्रमाणित समुद्र तट हैं। 566 समुद्र तटों के साथ स्पेन शीर्ष पर है; ग्रीस और फ्रांस के क्रमशः 515 और 395 समुद्र तट हैं। भारत के बीच एशिया के सबसे खूबसूरत बीचों में से एक माने जा चुके हैं। इको फ्रेंडली, साफ-सुथरे और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित पर्यटन सुविधाओं से युक्त भारत में ऐसे 13 समुद्र तट हैं, इन सभी को ये सर्टिफिकेट देने की बात चल रही थी मगर फिलहाल इनमें से 8 का चयन किया गया है। बाकी को इसके लिए तैयार किया जा रहा है।

    ओडिशा, महाराष्ट्र और अन्य तटीय राज्यों के ये बीच न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे एशिया में ब्लू फ्लैग बीच का दर्जा पाने वाले पहले समुद्र तट होंगे। समुद्र तटीय क्षेत्रों के प्रबंधन के क्षेत्र में पर्यावरण मंत्रालय के अंडर काम करने वाली संस्था ‘सोसाइटी फॉर इंटीग्रेटिड कोस्टल मैनेजमेंट’ (SICM) की देखरेख में भारत के समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग मानकों के मुताबिक विकसित किया जा रहा है।  

    ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट मिलने से क्या होगा फायदा

    दरअसल ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट मिल जाने के बाद से देश के समुद्र तट भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से हो जाएंगे। उसके बाद जो लोग अभी तक विदेशों में समुद्र किनारे घूमने टहलने के लिए जाते हैं वो यहां पर भी उसका मजा ले सकेंगे। इसके अलावा विदेशों से आने वाले सैलानी भी यहां जा सकेंगे, वो देश में पर्यटक स्थलों के अलावा समुद्री किनारों का भी मजा ले सकेंगे।

    साल 2018 में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए इन 13 समुद्री तटों की पहचान की गई थी। इन्हीं के नाम संस्था को भेजे गए थे जिनमें से 8 का चुनाव किया गया है। 

    1. गोल्डन बीच ओडिशा

    2. घोघाला समुद्र तट, दीव

    3. शिराजपुर समुद्र तट, गुजरात

    4. भोगवे तट, सिंधुदुर्ग, महाराष्ट्र

    5. मीरामार बीच, गोवा

    6. पदुबिद्री तट, कर्नाटक

    7. कासरकोड समुद्र तट, कर्नाटक

    8. कपड़ तट, केरल

    9. कोवलम समुद्र तट, तमिलनाडु

    10. ईडन बीच, पुदुचेरी

    11. रुशिकोंडा बीच, आंध्र प्रदेश

    12. राधानगर बीच, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

    13. बांगरम बीच, लक्षद्वीप